महाराष्ट्र: विशेष विधानसभा सत्र के मौके पर मुस्लिम आरक्षण की मांग
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने मंगलवार को मराठा आरक्षण का समर्थन किया और मुस्लिम आरक्षण न दिए जाने पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने विधानसभा भवन और उसके बाद मीडिया के सामने मुस्लिम आरक्षण देने के लिए 2014 में जारी अधिसूचना की प्रति फाड़ दी। अबू आसिम आजमी और विधानसभा सदस्य रईस शेख का कहना है कि जब मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है तो सरकार के ऐसे नोटिफिकेशन का क्या मतलब है। उन्होंने विधान भवन की सीढ़ियों पर बैनर लेकर 5 फीसदी मुस्लिम आरक्षण के लिए प्रदर्शन किया।
मंगलवार को विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सरकार की ओर से मराठा आरक्षण विधेयक पेश किया, जिसे बिना किसी विरोध के ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसके तुरंत बाद अबू आसिम आजमी और विपक्षी दल के कई नेताओं ने स्पीकर से अपनी बात रखने की इजाजत मांगी, लेकिन स्पीकर राहुल नार्वेकर ने किसी को मौका नहीं दिया और बिल पास होने के बाद विशेष सत्र की कार्यवाही खत्म करने की घोषणा कर दी। स्पीकर के व्यवहार से नाराज अबू आसिम आजमी ने विधानसभा में ही 2014 के नोटिफिकेशन की कॉपी फाड़ दी, जिस पर स्पीकर ने कहा, ”आप विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य हैं और आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।
विधानसभा सदन की कार्यवाही के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बात करते हुए अबू आसिम आजमी ने कहा, ”हम पिछड़े मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत के बजाय 10 प्रतिशत आरक्षण देने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन हम यह भी मांग करते हैं कि पिछड़े मुसलमानों, जिन्हें कोर्ट ने शिक्षा में 5% आरक्षण देने का निर्देश दिया है और इस आरक्षण के लिए हम नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार ने 2014 में एक अधिसूचना जारी की थी, वैसे ही पिछड़े मुसलमानों को भी शिक्षा में 5% आरक्षण दिया जाना चाहिए।
”यह आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं बल्कि गरीबी और पिछड़ेपन के आधार पर दिया गया है.” अबू आसिम और विधानसभा सदस्य रईस शेख ने मीडिया प्रतिनिधियों के सामने 2014 के नोटिफिकेशन की कॉपी फाड़ दी और कहा कि जब मुसलमानों को आरक्षण नहीं मिल रहा है तो इस अध्यादेश का क्या फायदा? इसके अलावा कुछ और सवालों का जवाब देते हुए अबू आसिम आजमी ने कहा, ”हम मुसलमानों को आरक्षण दिलाने के लिए कोशिश करते रहेंगे। इस संबंध में जब कांग्रेस विधायक अमीन पटेल और एमआईएम विधायक मुफ्ती इस्माइल से सवाल किया गया तो उन्होंने भी सरकार से मुस्लिम आरक्षण की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में मुस्लिम नेताओं से बात कर आम सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान जिनके कार्यकाल के दौरान पिछड़े मुसलमानों को शिक्षा में 5% आरक्षण देने की अधिसूचना जारी की गई थी , जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि “मुसलमानों को पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण दिया गया था लेकिन बीजेपी इसे धर्म से जोड़ती है जो गलत है। हम अब भी मांग करते हैं कि पिछड़े मुसलमानों को शिक्षा में आरक्षण दिया जाना चाहिए।”