ज्ञानवापी की तरह अब मथुरा की शाही ईदगाह का भी होगा सर्वे: इलाहाबाद हाईकोर्ट
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में हिंदू सेना के दावे पर सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की अदालत ने ईदगाह का अमीन सर्वे करने का आदेश किया है। यह उसी तर्ज पर है जिस तरह से वाराणसी में ज्ञानवापी के मामले में कोर्ट ने आदेश दिया था। बृहस्पतिवार को इस पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी होने थे, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए हिंदू पक्ष की याचिका को मंजूरी दे दी है। इस मामले में जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच दोपहर करीब दो बजे अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में ज्ञानवापी विवाद की तर्ज पर मथुरा के विवादित परिसर का भी सर्वे एडवोकेट कमिश्नर के जरिए कराए जाने का आदेश दिया है।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के अनुसार याचिका में दावा किया गया था कि वहां कमल के आकार का एक स्तंभ है जोकि हिंदू मंदिरों की एक विशेषता है और शेषनाग की एक प्रतिकृति है जो हिंदू देवताओं में से एक हैं और जिन्होंने जन्म की रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी।
याचिकाकर्ताओं ने अनुरोध किया है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर सर्वेक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपने के विशेष निर्देश के साथ एक आयोग का गठन किया जाये। इस पूरी कार्यवाही की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने का भी अनुरोध किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस वर्ष मई में मथुरा की अदालत में लंबित श्री कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े सभी मुकदमे अपने पास स्थानांतरित कर लिए थे।