LG ने केजरीवाल पर सिख फॉर जस्टिस संगठन से फंड लेने का आरोप लगाते हुए NIA जांच की सिफारिश की
नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच शुरू करने की सिफारिश की है। एलजी को मिली शिकायत में आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रीय संयोजक के रूप में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस से फंड लिए। एलजी ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 को वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ऑफ इंडिया नाम की संस्था के राष्ट्रीय महासचिव आशु मोंगिया ने एलजी को लिखित शिकायत दी। उन्होंने आम आदमी पार्टी को मिले फंड्स और उनके स्रोत की गहन जांच कराने की मांग की थी।
एलजी को विश्व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया से एक शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आप को 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई में मदद के लिए 2014 और 2022 के बीच खालिस्तान समर्थक समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर की भारी राशि प्राप्त हुई थी। यह भी आरोप लगाया गया है कि 2014 में न्यूयॉर्क के रिचमंड हिल गुरुद्वारे में अरविंद केजरीवाल और खालिस्तान समर्थक समूहों के बीच गुप्त बैठक हुई थी।
गृह मंत्रालय को लिखे एलजी के पत्र में कहा गया है, “उस बैठक के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कथित तौर पर खालिस्तानी गुटों से आप को पर्याप्त वित्तीय सहायता के बदले में देवेंदर पाल भुल्लर की रिहाई की सुविधा देने का वादा किया था।” इसमें आगे कहा गया है, “शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में एक वीडियो की सामग्री का उल्लेख किया, जिसमें कथित तौर पर गुरपतवंत सिंह पन्नून (प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक) थे। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि एक्स पर कुछ पोस्ट के अनुसार, मुनीश कुमार रायजादा, जो आप कार्यकर्ता हुआ करते थे, ने 2014 में रिचमंड हिल गुरुद्वारे में हुई केजरीवाल और सिख नेताओं के बीच बैठक की एक तस्वीर साझा की थी।“
मामले की संवेदनशीलता और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए एलजी की मंजूरी से उनके प्रधान सचिव ने 3 मई को केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा। इसमें उन्हें यह कंप्लेंट फारवर्ड की गई और बताया कि एलजी ने इस मामले में एनआईए से जांच कराने की सिफारिश की है। एलजी को मिली शिकायत में दावा किया गया था कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को चरमपंथी अलगाववादी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 130 करोड़ रुपये) की भारी धनराशि मिली थी। एलजी ने अपनी सिफारिश में कहा कि चूंकि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई है और एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से मिली राजनीतिक फंडिंग से संबंधित है। ऐसे में शिकायतकर्ता की ओर से दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच समेत अन्य स्तरों पर भी गहन जांच की जरूरत है।