कोलकाता रेप और हत्या: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद डॉक्टरों की हड़ताल जारी

कोलकाता रेप और हत्या: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद डॉक्टरों की हड़ताल जारी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच, जूनियर डॉक्टरों ने साफ तौर पर कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद काम पर लौटने के लिए तैयार नहीं हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनके प्रमुख मांगों को पूरा नहीं किया जाता, वे अपने प्रदर्शन को जारी रखेंगे। यह हड़ताल पिछले एक महीने से चल रही है, जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।

डॉक्टरों की मांगें और आंदोलन की मुख्य वजह
डॉक्टरों का मुख्य आरोप है कि राज्य प्रशासन इस घटना पर सही कार्रवाई करने में विफल रहा है। वे राज्य के स्वास्थ्य सचिव और चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएचई) के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, जिन्हें वे इस घटना और अस्पताल के वातावरण में सुरक्षा की कमी के लिए जिम्मेदार मानते हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने घोषणा की है कि वे मंगलवार को साल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ तक मार्च करेंगे, ताकि अपनी मांगों पर दबाव बना सकें।

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
इससे पहले सोमवार को, सुप्रीम कोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों को आदेश दिया था कि वे मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटें। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि प्रदर्शन के अधिकार का उपयोग कर्तव्य के प्रति उदासीनता में नहीं बदला जा सकता। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी आश्वासन दिया कि काम पर लौटने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई नकारात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। अदालत ने कहा, “कर्तव्यों की कीमत पर विरोध नहीं किया जा सकता।”

हड़ताल का असर
डॉक्टरों की इस लंबी हड़ताल के कारण पश्चिम बंगाल के कई सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी प्रभाव पड़ा है। आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ आउटडोर रोगियों के इलाज में भी गंभीर अवरोध पैदा हुआ है। राज्य सरकार ने कई बार डॉक्टरों से अपील की है कि वे हड़ताल खत्म करके काम पर लौटें, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि वे तभी काम पर लौटेंगे जब उनकी मांगों पर ठोस कदम उठाया जाएगा।

बता दें कि, 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसके साथ बलात्कार किया गया था, और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले ने व्यापक स्तर पर आक्रोश को जन्म दिया, और कई राष्ट्रीय संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की। कोलकाता पुलिस ने घटना के अगले ही दिन एक संदिग्ध आरोपी को गिरफ्तार किया था, लेकिन डॉक्टरों का आरोप है कि अब तक उचित न्यायिक कार्रवाई नहीं की गई है।

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