कोलकाता आर. जी. कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
कोलकाता: कोलकाता के प्रतिष्ठित आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने कोलकाता हाईकोर्ट के एक हालिया आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के मामले में उन्हें पक्षकार के रूप में शामिल करने की याचिका को खारिज कर दिया गया था।
क्या है मामला?
अख्तर अली, जो इस अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट हैं, ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में उन्होंने संदीप घोष के कार्यकाल में अस्पताल में हुई कथित वित्तीय अनियमितताओं की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच की मांग की थी। अख्तर अली ने आरोप लगाया कि घोष के समय में अस्पताल में बड़ी मात्रा में वित्तीय गड़बड़ियां हुई हैं, जिसके लिए संदीप घोष जिम्मेदार हैं।
23 अगस्त को कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से इस मामले की जांच को हटाकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया। कोर्ट का मानना था कि इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच जरूरी है, जिसे केवल सीबीआई जैसे केंद्रीय एजेंसी द्वारा पूरा किया जा सकता है।
संदीप घोष का पक्ष
संदीप घोष ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया था कि उन्हें भी इस याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल किया जाए ताकि वह अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दे सकें। हालांकि, हाई कोर्ट ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया और कहा कि वह इस मामले में “आवश्यक पक्ष” नहीं हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच के लिए घोष को व्यक्तिगत रूप से शामिल करना आवश्यक नहीं है।
मामले का दूसरा पहलू: जूनियर डॉक्टर की हत्या
यह मामला केवल वित्तीय अनियमितताओं तक ही सीमित नहीं है। हाल ही में, इस अस्पताल में एक और गंभीर घटना घटी जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। 9 अगस्त को आर. जी. कर अस्पताल के चेस्ट डिपार्टमेंट के सेमिनार हॉल में एक जूनियर डॉक्टर की मृत अवस्था में लाश मिली। डॉक्टर के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे, जिससे यह संकेत मिलता था कि डॉक्टर की हत्या की गई है। इस घटना ने अस्पताल के माहौल में तनाव पैदा कर दिया और देशभर में विरोध प्रदर्शनों को हवा दी।
इस मामले में, अगले ही दिन कोलकाता पुलिस ने एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया। लेकिन इस घटना ने अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हत्या और कथित वित्तीय अनियमितताओं का मामला एक साथ जुड़ गया है, जिससे अस्पताल की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
अब संदीप घोष ने इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल करने की याचिका को खारिज कर दिया गया था। घोष का मानना है कि उन्हें इस मामले में उचित तरीके से अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए, क्योंकि उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर आगे क्या निर्णय होता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।