झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा की सदस्य्ता से इस्तीफ़ा दिया

झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा की सदस्य्ता से इस्तीफ़ा दिया

गांडेय से झामुमो विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद झारखंड की राजनीति में बयानबाजी शुरू हो गयी है। बीजेपी इसे सीएम हेमंत सोरेन का बैकअप प्लान बता रही है तो झामुमा का कहना है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक है।

ईडी के सातवें और आखिरी समन की डेडलाइन 31 दिसंबर, 2023 तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से कोई जवाब नहीं देने और अब सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में राज्य की सियासत में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिल सकता है। इस साल फरवरी में झारखंड में राज्यसभा की एक सीट खाली हो रही है। संभावना है कि इस्तीफा देने वाले सरफराज अहमद को राज्यसभा भेजा जाए।

बता दें कि सरफराज अहमद के इस्तीफे की चर्चा काफी लंबे समय से चल रही थी। माना जा रहा था कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरफराज अहमद कई दिनों से नाराज चल रहे थे। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सरफराज ने किस बात को लेकर अपना इस्तीफा सौंपा है। सरफराज अहमद ने अभी तक इस्तीफा देने का कारण स्पष्ट नहीं किया है।

झारखंड सीएम हेमंत सोरेन लगातार कानूनी मुश्किलों से घिरे हुए हैं। हेमंत सोरेन को ईडी ने सात समन दिए हैं। छह समन के बाद भी हाजिर नहीं हुए हेमंत सोरेन से अब जगह बताने को कहा गया है, जहां उनसे पूछताछ हो सके। संभावना है कि हेमंत सोरेन अब इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड की पहली महिला मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी भी चल रही है। कल्पना अभी विधानसभा की सदस्य नहीं हैं।

साल 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन के दौरान जब सीटों का बंटवारा किया गया तो सरफराज अहमद को गांडेय विधानसभा सीट मिली। इस सीट से चुनाव लड़कर उन्होंने जीत भी हासिल की। हालांकि सरफराज अहमद को मंत्री बनने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। उनकी जगह हाजी हुसैन अंसारी को अल्पसंख्यक कोटे से मंत्री बना दिया गया था। वहीं अब हाजी हुसैन के निधन के बाद उनके बेटे हफीजुल अंसारी को मंत्री बना दिया गया।

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