नामांकन वापस लेने वाले अक्षय बम पर भड़की कांग्रेस, वैश्या से की तुलना

नामांकन वापस लेने वाले अक्षय बम पर भड़की कांग्रेस, वैश्या से की तुलना

मध्य प्रदेश: इंदौर में इस समय अक्षय कांति बम को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी जंग काफी तेज हो गई है। चुनाव के आखिरी पल में कांग्रेस के साथ छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले अक्षय कांति बम को लेकर राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम के ऐन वक्त पर नामांकन वापस लेने और भाजपा का दामन थामने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।

अक्षय कांति बम के अचानक से लोकसभा का मैदान छोड़ने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है। राजनीति इतनी ज्यादा गरमा गई है कि एमपी कांग्रेस के नेताओं ने बयानों के बाण छोड़ना शुरू कर दिए हैं।अक्षय के इस कदम से जहां भाजपा में खुशी की लहर है, वहीं कांग्रेस नेताओं में भारी गुस्सा है। कांग्रेस नेता उन्हें फुस्सी बम, गद्दार और विश्वासघाती कह रहे हैं।

अक्षय बम के इस कदम को लेकर केके मिश्रा ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला। मिश्रा ने पोस्ट करते हुए लिखा, “अक्षय बम, तुम तो “फुस्सी बम” निकले, तुमसे अच्छी तो वैश्यायें हैं, जो अपने प्रोफेशन के प्रति ईमानदार होती हैं, कितने में बिके हो ?? वक्त हमेशा बदलता है, जिस कारण बिके हो, वही कारण हमेशा क़ायम रहेगा और वही तुम्हें भविष्य में शिकंजे में भी लेगा.”

केके मिश्रा ने पोस्ट करते हुए लिखा, “मुझे मालूम था तुम्हारी क़ीमत लग चुकी है, इससे मैं 15 दिन पहले पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को बता चुका था, आख़िरकार वह सच साबित हुआ….इसी ख़ातिर मैंने तुम्हारे पक्ष में आज तक कुछ नहीं बोला, क्योंकि मुझे मालूम था कि मेरी भावनायें किसी “गद्दार” को समर्पित हो सकती हैं, मेरा पूर्वानुमान सच साबित हुआ, तुम वही हो जिसने विधानसभा के संपन्न चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी श्री राजा मंगवानी जी से बहुत पैसा भी लिया और उनकी पीठ में छुरा भी भोंका था !”

अक्षय कांति बम ने रमेश मेंदोला की मौजूदगी में अपना नामांकन वापस ले लिया। अक्षय कांति बम के इस फैसले से कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। तो वहीं नामांकन वापस लेने के कुछ समय बाद ही अक्षय कांति बम ने बीजेपी ज्वाइन कर ली। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने एक्स पर लिखा है कि कांग्रेस प्रत्याशी अक्षम बम का इंदौर से नामांकन वापस करके बीजेपी क्या सिद्ध करना चाहती। क्या वह विपक्षहीन प्रजातंत्र इस देश में चाहती है। विपक्ष मुक्त भारत। सूरत और इंदौर के मतदाताओं के साथ घोर प्रजातांत्रिक अन्याय।

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