जलगाँव कोर्ट ने यति नरसिंहानंद को कोर्ट में हाज़िर होने का आदेश दिया
अपनी अभद्र भाषा और उकसाने वाले बयानों के लिए मशहूर यति नरसिंहानंद को जलगाँव की अदालत ने नोटिस जारी किया है और कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पेशी की तारीख भी निर्धारित कर दी है। यह आदेश यति नरसिंहानंद के एक आपत्तिजनक और उकसाने वाले बयान के खिलाफ जारी किया गया है, जिसके खिलाफ स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने अदालत में याचिका दायर की थी।
गौरतलब है कि यति नरसिंहानंद ने 29 सितंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान आपत्तिजनक बयान दिया था। इस बयान के कारण मुस्लिम समुदाय की भावनाएँ आहत हुईं और देश के कई हिस्सों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिशें हुईं। जलगाँव में ‘एकता संगठन’ नामक संस्था से जुड़े फारुक अब्दुल्ला शेख ने भी पुलिस में यति नरसिंहानंद के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अंततः फारुक शेख ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया।
15 नवंबर 2024 को फारुक शेख ने जलगाँव कोर्ट में याचिका दाखिल की। इस याचिका पर महिला न्यायाधीश, जस्टिस एम. एम. बुढ़े की अदालत में सुनवाई हुई। उन्होंने वकीलों की दलीलें और सभी साक्ष्य देखने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 225 के तहत यति नरसिंहानंद के नाम नोटिस जारी किया और 7 फरवरी 2025 को अदालत में पेश होने का आदेश दिया। एकता संगठन की ओर से एडवोकेट अजय सिसोदिया, एडवोकेट दीपक सोनावणे और एडवोकेट आमिर शेख ने मामले की पैरवी की।
अदालत में यति नरसिंहानंद का 16 सेकंड का वह आपत्तिजनक वीडियो पेश किया गया जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक बातें करते नज़र आ रहे हैं। अदालत को बताया गया कि यति नरसिंहानंद के बयान से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं, जिससे धर्म, जाति और भाईचारे के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ रही है और देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। यह शिकायत धारा 196, 197, 298, 299 और 302 के तहत की गई थी।
जस्टिस एम. एम. बुढ़े ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत को सही पाया और उक्त नोटिस जारी किया, जिसे गाज़ियाबाद के पुलिस अधीक्षक के माध्यम से यति नरसिंहानंद तक पहुँचाया जाएगा। जलगाँव कोर्ट के इस आदेश पर एकता संगठन ने संतोष व्यक्त किया और कानून की धज्जियाँ उड़ाने और देश का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ न्यायिक लड़ाई जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया।
क्या कोर्ट के नोटिस के बाद यति नरसिंहानंद के पेश होने की संभावना है? इस पर फारुक शेख ने कहा कि यदि वह पेश नहीं हुआ, तो अदालत उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकती है। चूँकि यति नरसिंहानंद अपनी सभी भड़काऊ गतिविधियों के बावजूद अब तक कानून से बचता आया है, क्या इस नोटिस के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई संभव है? इस सवाल पर फारुक शेख ने बताया कि याचिका में जिन धाराओं का हवाला दिया गया है, उनके तहत इस अभद्र साधु की गिरफ्तारी निश्चित है।


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