इब्राहिम रईसी के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के 5 अगस्त को ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करने की संभावना लगाई जा रही है। भारत ने पहले ही इस आयोजन के लिए ईरान द्वारा निमंत्रण स्वीकार किया है, जिसमें कई देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है।
दोनों देशों के नज़दीक आने से ये बात साफ़ है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान के साथ पिछले तीन वर्षों से रिश्तों को लेकर उदासीन रहे भारत का रवैया बदल रहा है। बताया जा रहा है कि भारत अपनी तेल कंपनियों को ईरान से क्रूड ऑयल खरीदने की इजाजत देने पर भी विचार कर रहा है।
बता दें कि पिछले महीने भारतीय विदेश मंत्री ने रूस की यात्रा के बीच में ईरान की राजधानी तेहरान में निर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से मुलाकात की थी।
भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जय शंकर ने रईसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश देते हुए कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों को इस देश की समस्याओं को हल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
इब्राहीम रईसी को ईरान के राष्ट्रपति के रूप में भारत की अधिकारिक यात्रा का निमंत्रण सौंपने के बाद उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में विश्वास जताया है कि भारत और ईरान के बीच मजबूत संबंध बढ़ते रहेंगे और आपके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच सहयोग और अधिक बढ़ेगा।
ग़ौर तलब है कि तेहरान में विदेश मंत्री जावेद जरीफ के साथ बैठक में जयशंकर ने ईरान में बनाए जा रहे चाबहार पोर्ट को लेकर पूरा समर्थन जताया था। तालिबान के सत्ता में आने से भारत की चाबहार परियोजना की प्रगति प्रभावित हो सकती है। क्योंकि भारत इस पोर्ट को अफगानिस्तान के अंदरूनी हिस्से से रेल और सड़क मार्ग से जोड़ने पर काम कर रहा है।
बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर इब्राहीम रईसी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान का संक्षिप्त दौरा करने वाले हैं। खाड़ी क्षेत्र में ईरान भारत के लिए एक प्रमुख देश रहा है। दोनों देश संयुक्त रूप से दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य एशिया के बीच संपर्क में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।