ज़ी समूह के15 ठिकानों पर आईटी की छापेमारी, टैक्स चोरी का आरोप!

अपने अलावा सबको देश विद्रोही कहने वाले ज़ी समूह पर टैक्स (Tex) चोरी के संगीन अरूप हैं। जिसके मद्देनज़र ज़ी समूह के 15 ठिकानों पर आयकर विभाग (Income tax department) ने छापेमारी की है।

आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें शक है कि ज़ी समूह ने नकली बिलों के आधार पर जीएसटी कर की चोरी की है।

ख़बरों के मुताबिक पता चलता है, ज़ी समूह के मुंबई स्थित दफ़्तरों पर आयकर विभाग ने सोमवार को ये छापेमारी की। आयकर विभाग के अधिकारी परेल और वर्ली में कंपनी के कार्यालय पहुंचे और वहां कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ की। विभाग की टीम में 6 लोग शामिल थे।

टीम ने इस दौरान ज़ी समूह और लार्सन एंड टुब्रो के कार्यालय परिसर में भी वैरिफिकेशन किया। टीम को टैक्स क्रेडिट के बारे में इनपुट मिला था, जिसके आधार पर ये वैरिफिकेश किया गया।

एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, “हम लार्सन एंड टुब्रो और ज़ी समूह के कार्यालयों में वैरिफिकेशन कर रहे हैं क्योंकि हमारे पास जानकारी थी कि उन्होंने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया था।”

अधिकारी ने कहा कि यह मूल रूप से एक वैरिफिकेशन प्रोसेस है और दोनों समूहों पर सीमित कार्रवाई है। अधिकारी ने कहा, “हम इन समूहों और इन समूहों से जुड़ी कंपनियों के टैक्स क्रेडिट के दावों की जांच कर रहे हैं।”

आयकर विभाग की इस कार्रवाई पर ज़ी ग्रुप ने सफाई दी है। जी ग्रुप का कहना है कि ये छापा नहीं है बल्कि सर्वे है। ज़ी ग्रुप आयकर विभाग के अधिकारियों को पूरी तरह से सहयोग कर रहा है।

आपको बता दें कि ज़ी ग्रुप के फाउंडर सुभाष चंद्रा राज्य सभा के सदस्य हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। ग्रुप पिछले एक साल से कैश फ्लो की समस्या से जूझ रहा है और कर्ज़दारों का पैसा लौटाने के लिए नॉन-कोर बिजनेस को बेच रहा है।

 

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