इज़रायली सेना की चेतावनी बता रही है कि अस्पताल पर हमला इज़रायल ने किया था
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तेल अवीव में बुधवार सुबह प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ ग़ज़्ज़ा अस्पताल में मंगलवार के घातक विस्फोट के बारे में कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि यह दूसरी टीम द्वारा किया गया था, न कि आपने (इजराइल)। लेकिन कुछ लोगों को यकीन नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने इस बयान से इज़रायल को क्लीन चिट देना चाहते हैं, लेकिन यह बात तो वह भी जानते हैं कि उनका यह बयान किसी के गले नहीं उतरेगा।
ग़ज़्ज़ा अस्पताल में मंगलवार के घातक विस्फोट के बाद पूरी दुनियां में इज़रायल के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन हो रहा है यहां तक कि यूरोपीय देशों में भी। ग़ज़्ज़ा अस्पताल में बमबारी से पहले तक जो लोग इज़रायल के समर्थन में थे वह भी इस जघन्य अपराध के बाद इज़रायल के विरुद्ध स्वर बुलंद करने लगे हैं। हालांकि कुछ विशेष वर्ग के लोग इस हैवानियत के बाद भी इज़रायल का समर्थन कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इज़रायल को क्लीन चिट देने की कोशिश की है लेकिन शायद उन्हें भी यक़ीन था कि इज़रायल को इस हमले में क्लीन चिट देना इतना आसान भी नहीं है, शायद इसी लिए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को यकीन नहीं है कि इस हमले में इज़रायल का हाथ नहीं है।
इजराइल ने ग़ज़ा के अल अहली अरब अस्पताल के हमले का आरोप हमास समर्थित इस्लामिक जिहाद पर लगाया और राष्ट्रपति बाइडेन ने भी उसे सही करार दे दिया। लेकिन अमेरिकन मीडिया अस्पताल के डॉक्टरों और ग़ज़ा के मंत्री के जरिए जो तथ्य बताए हैं, उससे इजराइल के कथित सबूत विवादित हो गए हैं।
अमेरिकी टीवी चैनल सीबीएस न्यूज ने अल अहली अस्पताल के डॉक्टर फदल नईम के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा कि मंगलवार रात को हुए विनाशकारी विस्फोट से ठीक दो दिन पहले इज़राइल की सेना ने सभी को अस्पताल खाली करने की चेतावनी जारी की थी। डॉ फदल ने कहा- “उन्होंने हमारे मेडिकल डायरेक्टर को बुलाया और उनसे कहा, ‘हमने आपको कल (सोमवार) दो रॉकेटों से चेतावनी दी थी, आप अभी भी अस्पताल में क्यों काम कर रहे हैं, आपने अस्पताल खाली क्यों नहीं किया?'”
अल जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में इस अस्पताल के सर्जन डॉ घासन अबू सिट्टा की गवाही दर्ज की है। सर्जन डॉ सिट्टा अल-अहली अरब अस्पताल में काम कर रहे थे, जब मंगलवार रात को हमला हुआ था। डॉक्टर सिट्टा ने कहा: “अब हम जानते हैं कि मारे गए लोगों की संख्या 500 से अधिक है। यह संख्या बढ़ जाएगी क्योंकि मैंने कई क्षत-विक्षत शव और शरीर के कुछ हिस्सों को देखा जब मैं आखिरी मरीज को बाहर एम्बुलेंस में ले जा रहा था। यह एक नरसंहार है।
इज़राइली सरकार पिछले सप्ताह से खुले तौर पर कह रही ती कि वह अस्पतालों को निशाना बनाने जा रही है और दुनिया बस खड़ी रही और कुछ नहीं किया। इस हमले में मारे गए बच्चों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। मैंने एक बच्चे का शव देखा जिसका सिर गायब था…आज (बुधवार 18 अक्टूबर) सुबह भी बमबारी जारी रही।”
56 मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी की बैठक से पहले ईरान का कड़ा बयान सामने आया है। ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने बुधवार को कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्यों को इजराइली राजदूतों को निष्कासित करने के अलावा, इजराइल पर तेल प्रतिबंध को मंजूरी देनी चाहिए और लागू करना चाहिए। ईरान में बुधवार को ग़ज़ा के अस्पताल में मारे गए लोगों के लिए एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। बगदाद में अमेरिकी एम्बैसी, फ्रांस की एम्बैसी पर जबरदस्त प्रदर्शन हुए हैं। दुनिया के और भी कई देशों में अस्पताल पर इजराइली बमबारी के खिलाफ प्रदर्शन जारी है।
56 मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी की बैठक से पहले ईरान का कड़ा बयान सामने आया है। ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने बुधवार को कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्यों को इजराइली राजदूतों को निष्कासित करने के अलावा, इजराइल पर तेल प्रतिबंध को मंजूरी देनी चाहिए और लागू करना चाहिए। ईरान में बुधवार को ग़ज़ा के अस्पताल में मारे गए लोगों के लिए एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। बगदाद में अमेरिकी एम्बैसी, फ्रांस की एम्बैसी पर जबरदस्त प्रदर्शन हुए हैं। दुनिया के और भी कई देशों में अस्पताल पर इजराइली बमबारी के खिलाफ प्रदर्शन जारी है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए IscPress उत्तरदायी नहीं है।