नई दिल्ली: चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) के विकास में भारत की भूमिका का समर्थन करते हुए ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि भारत की भूमिका क्षेत्र में “विकास और समृद्धि” के लिए केंद्रीय थी साथ ही उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह चीन या पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के हितों के खिलाफ नहीं है।
बता दें कि ग्वादर बंदरगाह (Gwadar Port) चीन के मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट – चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की कुंजी है और ये बंदरगाह पश्चिमी क्षेत्र को अरब सागर और पश्चिम एशिया से कनेक्टिविटी प्रदान करता है। ग्वादर चाबहार बंदरगाह से सिर्फ 170 किमी दूर है।
ज़रीफ़ ने एक आभासी कार्यक्रम में बोलते हुए कहा “हमने अपने भारतीय, चीनी दोस्तों के लिए बहुत स्पष्ट कर दिया है कि चाबहार हर किसी के लिए सहयोग के लिए खुला है। चाबहार न चीन के खिलाफ है, और न ही ग्वादर के खिलाफ है। चाबहार एक ऐसी जगह है जहाँ हम सभी एक साथ आ सकते हैं।
ज़ी न्यूज़ के अनुसार विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि भारत ईरानी बंदरगाह को विकसित करने में मदद कर रहा है जो भारत को अफगानिस्तान से जुड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पिछले साल, भारत ने किसी भी खाद्य कमी से निपटने के लिए बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान में 75000 मीट्रिक टन गेहूं भेजा।
ग़ौरतलब है कि जवाद ज़रीफ़ का कहना है कि चाबहार बंदरगाह को मध्य एशियाई देशों जैसे उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान में अधिक रुचि मिल रही है और जितनी जल्दी ये बंदरगाह तैयार हो जाएगा भारत को मध्य एशियाई देशों से जुड़ने का मौक़ा भी मिल जाएगा।