अमेरिका की धमकी पर भारत का पलटवार, यह कूटनीति नहीं ज़बरदस्ती है
भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह के एक बयान की जमकर आलोचना हो रही है। दलीप सिंह ने तथाकथित रूप से भारत को धमकाते हुए कहा था कि भारत इस उम्मीद में ना रहे कि अगर चीन एलएसी का उल्लंघन करते हुए भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाता है तो रूस उसके समर्थन में आगे आएगा।
अमेरिकी अधिकारी के इस बयान पर पलटवार करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई दूत रहे सैयद अकबरुद्दीन ने दलीप सिंह को आड़े हाथों लिया है। अकबरुद्दीन ने दलीप सिंह के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह हमारा दोस्त है, यह कूटनीति की नहीं बल्कि जबरदस्ती की भाषा है। कोई इन्हे बताए कि एकतरफा दंडात्मक प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
So this is our friend…?
This is not the language of diplomacy…
This is the language of coercion…Somebody tell this young man that punitive unilateral economic measures are a breach of customary international law… pic.twitter.com/9Kdd6VDYOh
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) April 1, 2022
बता दें कि भारत यात्रा पर आए दलीप सिंह ने कहा था कि अगर चीन भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए एलएससी का उल्लंघन करता है तो रूस भारत को बचाने के लिए नहीं आएगा। उन्होंने कहा था कि रूस पर चीन का जितना प्रभाव बढ़ेगा यह भारत के लिए उतना ही कम अनुकूल होगा।
याद रहे कि इस समय नई दिल्ली में रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव भी पहुंचे हुए हैं, वहीं ब्रिटिश विदेश मंत्री भी नई दिल्ली पहुंची हुई हैं। अमेरिका के डिप्टी एनएसए का यह बयान उस समय सामने आया है जब रूसी विदेश मंत्री नई दिल्ली में मौजूद थे।