नीरव मोदी को जल्द लाया जा सकता है भारत, लेकिन अभी भी है बचने के कई रास्ते

भारत को गुरुवार के दिन एक बड़ी सफलता मिली है. ब्रिटेन की एक अदालत ने फैसला सुनाया कि भगोड़े पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी को अब भारत लाया जाएगा. लंदन की एक अदालत ने नीरव मोदी के उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े इस फैसले की कॉपी यूके के होम ऑफिस में भेजी जाएगी. इसके बाद होम ऑफिस के पास 28 दिन का समय होगा, जिस पर वहां के सचिव हस्ताक्षर करेंगे.

बता दें मोदी और उनके चाचा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग के माध्यम से लगभग 13,600 करोड़ रुपये के लेनदेन का आरोप है। घोटाला सामने आने से कुछ हफ्तों पहले जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में दोनों चाचा भतीजे ने भारत छोड़ दिया था और लन्दन में रहने लगे थे ।

ब्रिटेन का कानून नीरव मोदी को अधिकार देता है कि वो लोकल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकें. अब ये नीरव मोदी पर निर्भर करता है कि वे आगे क्या करने वाले हैं. लेकिन नीरव मोदी पर इस फैसले को देते समय लंदन की स्थानीय कोर्ट ने जो बातें कहीं उनमें से तीन बातें अधिक प्रमुख हैं जिनसे भारत का पक्ष और अधिक मजबूत होता है. एक ये कि लंदन की कोर्ट ने प्रथम दृष्टया ये माना है कि नीरव मोदी ने PNB बैंक के अधिकारीयों के साथ मिलकर घपलेबाजी का जाल बुना है. दूसरी बात ये कि नीरव मोदी मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में भी शामिल रहा है.

अपने आदेश में लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने फैसला सुनाया कि मोदी ने सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रची है। पीएनबी को धोखा देने की साजिश के संबंध में नीरव दीपक मोदी को दोषी ठहराए जाने के साक्ष्य हैं। एक प्राइम फेस केस स्थापित किया गया है।

ग़ौर तलब है कि ब्रिटेन का कानून नीरव मोदी को अधिकार देता है कि वो लोकल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकें. अब ये नीरव मोदी पर निर्भर करता है कि वे आगे क्या करने वाले हैं.

बता दें लंदन की कोर्ट ने प्रथम दृष्टया ये माना है कि नीरव मोदी ने PNB बैंक के अधिकारीयों के साथ मिलकर घपलेबाजी का जाल बुना था और वो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में भी शामिल था.

 

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