19 दिसंबर को दिल्ली में होगी INDIA गठबंधन की बैठक

19 दिसंबर को दिल्ली में होगी INDIA गठबंधन की बैठक

कांग्रेस की तरफ से अब इंडिया गठबंधन के दलों के प्रमुख नेताओं को 19 दिसंबर को दोपहर 2 बजे कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में बैठक का प्रस्ताव दिया गया है। इसके बाद देर शाम कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि INDIA की पार्टियों के नेताओं की चौथी बैठक मंगलवार 19 दिसंबर 2023 को दिल्ली में दोपहर 3 बजे से होगी। वहीं, 5 राज्यों के चुनाव के चलते मुंबई के बाद इस गठबंधन की कोई बैठक नहीं हो सकी थी।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों का इरादा एकजुटता बनाये रखते हुए ‘‘मैं नहीं, हम” नारे के साथ आगे बढ़ने का है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के सामने अब चुनौती अगले आम चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए वैकल्पिक सकारात्मक एजेंडे के साथ सामने आने की है। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव नतीजे उन मुद्दों की अस्वीकृति नहीं हैं, जो इस चुनाव प्रचार अभियान में उठाए गए थे।

हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी 2024 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए लीक से हटकर सोचेगी। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं नहीं, हम” संभावित नारा है, जिस पर विपक्षी दल मोदी का मुकाबला करने के लिए काम करेंगे। पार्टी नेता ने कहा कि ‘इंडिया गठबंधन’ के लिए मुख्य सकारात्मक एजेंडा बनाना विपक्षी दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, जो उन्हें भाजपा से मुकाबला करने में मदद करेगा। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान विपक्षी दल सीट बंटवारे, संयुक्त चुनावी रैलियां आयोजित करने की योजना बनायेंगे और उनके लिए एक साझा कार्यक्रम तैयार करेंगे।

सूत्रों का कहना है कि इंडिया ब्लॉक का विपक्षी गठबंधन जाति जनगणना, एमएसपी की कानूनी गारंटी और श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों को आगे बढ़ा सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जो मुद्दे छाए रहे उनमें ‘बढ़ती’ आर्थिक असमानता, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक अधिनायकवाद के अलावा मूल्य वृद्धि और मुद्रास्फीति कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनकी लोकसभा चुनाव के दौरान जमीन पर गूंज होने की संभावना है।

बता दें कि कांग्रेस ने 6 दिसंबर को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान के चुनाव नतीजे घोषित होने के दिन बैठक बुलाई थी। 3 दिसंबर के विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस पार्टी को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार का सामना करना पड़ा। अब कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में ही कांग्रेस की सरकार बनी हुई है। वहीं, क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन के रूप में बिहार और झारखंड में भी कांग्रेस की सत्ता है।

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