स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पीएम मोदी ने भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने की अपील की

स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पीएम मोदी ने भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने की अपील की

नई दिल्ली:15 अगस्त 2024 को 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की उपलब्धियों, चुनौतियों, और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। अपने 10वीं बार लालकिले से दिए गए इस भाषण में प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की, जो देश के विकास और वैश्विक स्थिति को प्रभावित करने वाले हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को श्रद्धांजलि देकर की और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज का भारत, स्वाभिमान और आत्मविश्वास से भरा हुआ है, जो अपने पैरों पर खड़ा होकर दुनिया के सामने अपनी पहचान बना रहा है।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत‘ की दिशा में सरकार के किए गए प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता ही वह आधार है, जिस पर देश की प्रगति टिकी हुई है। मोदी ने उद्योग, कृषि, और सेवा क्षेत्रों में हो रहे सुधारों पर प्रकाश डाला, जो देश को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों का उद्देश्य है कि हर भारतीय को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त किया जाए।

प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से देश में नवाचार और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने की बात की। उन्होंने कहा कि आज के युवा भारत की ताकत हैं और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देकर देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने देश की आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की और कहा कि सरकार की नीतियों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति बनाई है। उन्होंने बताया कि भारत अब दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है और यह विकास की गति को बनाए रखने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘हर घर तिरंगा‘ अभियान की सफलता पर भी बात की और कहा कि इससे देशवासियों के बीच देशभक्ति की भावना को और मजबूत किया जा सका है। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल एक प्रतीकात्मक गतिविधि नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करने का एक प्रयास है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने ग्रामीण और शहरी भारत के बीच की खाई को पाटने के लिए किए जा रहे कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान केवल बड़े शहरों पर नहीं, बल्कि छोटे शहरों और गांवों की प्रगति पर भी है, ताकि पूरे देश का समान विकास हो सके।

प्रधानमंत्री ने अंत में देशवासियों से अपील की कि वे एकजुट होकर भारत को एक ‘विश्वगुरु’ के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि यह समय है जब हम अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएँ। मोदी ने अपने संबोधन का समापन इस विश्वास के साथ किया कि आने वाले समय में भारत और भी अधिक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरेगा।

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