हिंसक घटनाओं से धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि प्रभावित हो रही: खड़गे
शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश में हो रही हिंसा की घटनाएं प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि को खराब कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा हिंसा की आग में घी डाल रही है। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और खाद्य सुरक्षा के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए जाति सर्वेक्षण के साथ-साथ जनगणना प्रक्रिया की तत्काल शुरुआत करने की मांग करती है।
इसमें उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की 27 पार्टियां महत्वपूर्ण बुनियादी मुद्दों पर एक साथ खड़ी हैं। इंडिया गठबंधन की तीन सफल बैठकों के बाद, विपक्षी गठबंधन जनविरोधी और लोकतंत्र विरोधी भाजपा सरकार से मुकाबला करने के लिए आगे बढ़ रहा है। इससे परेशान होकर भाजपा सरकार विपक्षी दलों के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में शनिवार को हैदराबाद में हुई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी समेत कार्यसमिति के सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में आगामी चुनावों को लेकर रणनीतियां बनाई गई।
सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में खड़गे ने कहा कि हम संसद में विपक्ष को दबाने के सरकार के प्रयासों की भी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि संसद का आगामी विशेष सत्र सत्तारूढ़ दल के इरादों पर चिंता पैदा करता है। इस सत्र का एजेंडा क्या होगा यह अब तक स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आगामी विशेष सत्र में भी जनता से जुड़े मुद्दों को उठाएगी।
खड़गे ने कहा, मोदी सरकार ने मणिपुर की आग को हरियाणा के नूंह तक पहुंचने दिया। यहां हिंसा की वारदातें हुईं, जिसके कारण राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव फैला है। ये घटनाएं आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि पर धब्बा लगाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी स्थिति में सत्तारूढ़ दल, सांप्रदायिक संगठन और मीडिया का एक वर्ग आग में घी डालता है। देश का “सर्वधर्म समभाव” बिगाड़ता है। हमें मिलकर ऐसी ताक़तों की पहचान करके उन्हें बेनकाब करते रहना है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था गंभीर खतरे में है और सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से आम लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। महंगाई से गरीबों और आम लोगों के जीवन पर संकट है। पिछले 5 सालों में एक साधारण थाली की कीमत 65 प्रतिशत बढ़ गयी है। 74 प्रतिशत लोग पौष्टिक आहार से वंचित हैं। दाल की कीमत एक साल में 37 प्रतिशत तक बढ गयी है।