अगर पीएम मोदी,नवाज़ शरीफ मिल सकते हैं तो शरद पवार,अजित पवार क्यों नहीं: राउत

अगर पीएम मोदी,नवाज़ शरीफ मिल सकते हैं तो शरद पवार,अजित पवार क्यों नहीं: राउत

शरद पवार के भतीजे अजीत पवार आठ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों के साथ हाल ही में भाजपा-शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए। बाद में अजित पवार ने एनसीपी के कई विधायकों का समर्थन मिलने का दावा किया था। इस बारे में जब संजय राउत से पूछ गया तो उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिल सकते हैं तो शरद पवार और अजित पवार क्यों नहीं?

संजय राउत ने कहा कि शरद पवार मीटिंग के बारें में आने वाले कुछ दिनों में अपना रुख साफ कर देंगे। हो सकता है कि शरद पवार ने अजित पवार को महा विकास अघाड़ी में वापस आने के लिए कहा हो। क्योंकि ऐसा वो 2019 में कर चुके हैं। जब अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कुछ भी राजनीति में ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि सीक्रेट मीटिंग को ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहिए। संजय राउत ने कहा कि शरद पवार ने अजित को 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली INDIA गठबंधन की तीसरी बैठक में शामिल होने के लिए कहा होगा।

रविवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से अजित पवार के साथ ‘गुप्त बैठक’ के बारे में पूछा गया, जिस पर उन्होंने कहा कि जब बैठक किसी के आवास पर हुई तो वह गुप्त कैसे हो गई। उन्होंने कहा, “भतीजे से मिलने में क्या गलत है? यह कैसे गुप्त हो सकता है जब यह किसी के आवास पर आयोजित किया गया था। मैं वहां उनके आवास पर था।”

वहीं संजय राउत ने सलाह दी है कि अगर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ती हैं, तो वह निश्चित रूप से जीत हासिल करेंगी। राउत ने कहा कि “वाराणसी के लोग प्रियंका गांधी को चाहते हैं। अगर प्रियंका गांधी वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं तो वह निश्चित रूप से जीत हासिल करेंगी। भाजपा के लिए रायबरेली, वाराणसी और अमेठी की लड़ाई कठिन है।”

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