देश का कोई रेसलर पहलवानों के साथ नहीं, तो क्या हम फांसी पर लटक जाएं? बृजभूषण

देश का कोई रेसलर पहलवानों के साथ नहीं, तो क्या हम फांसी पर लटक जाएं? बृजभूषण

डब्ल्यूएफआई यानी भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव संजय सिंह के नाम रहा। उन्होंने इलेक्शन में जीत दर्ज की। बता दें कि संजय सिंह बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं। संजय की जीत से पहलवान काफी ज्यादा निराश हैं। वहीं भारत की दिग्गज पहलवान और ओलिंपिक मेडल विनर साक्षी मलिक ने रेस्लिंग से रिटायरमेंट ले ली। इतना ही नहीं बल्कि स्टार पहलवान बजरंग पूनिया अपना पद्म श्री अवॉर्ड पीएम के घर के बाहर रखकर चले गए। पहलवानों में इस वक्त खलबली मची हुई है।

संजय सिंह के भारतीय कुश्ती संघ (WFI) अध्यक्ष बनने के बाद से पहलवानों का विरोध तेज हो गया है। पहले साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा की। फिर बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस करने का एलान किया। वहीं साक्षी के सन्यास लेने पर भी बृजभूषण पर बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘साक्षी ने रेसलिंग से सन्यास ले लिया तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं। यह पहलवान जो 12 महीने से हमें भला बुरा कह रहे हैं गाली दे रहे हैं। वह हमें आज भी गाली दे रहे हैं। लेकिन उनको गाली देने का हक किसने दिया। आज वह इलेक्शन को लेकर सवाल उठा रहे हैं, सरकार पर सवाल कर रहे हैं।’

बृजभूषण सिंह ने पहलवानों द्वारा किए जा रहे लगातार प्रोटेस्ट पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘ कांग्रेस की गोद में बैठे इन पहलवानों के साथ हमारे देश का एक भी पहलवान नहीं खड़ा। अब उनके प्रोटेस्ट पर मैं फांसी पर लटक जाऊं क्या? रेसलिंग को एक ग्रहण लगा था. वह 11 महीने और 3 दिन तक रहा। इलेक्शन हुए और पुरानी फेडरेशन के समर्थित प्रत्याशी यानि हमारे समर्थित प्रत्याशी संजय सिंह उर्फ बबलू को जीत मिली। 40 और 7 के अंतर से जीत मिली, जो रेसलिंग का काम है। वहीं उसको अब आगे बढ़ाना अब हमारा टारगेट है।’

बता दें कि संजय सिंह के WFI अध्यक्ष बनने पर रेसलर साक्षी मलिक ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव पर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने रोते हुए अपने जूते मेज पर रखे और कहा कि वो संन्यास ले रही हैं। साक्षी मलिक ने कहा था,
“हम 40 दिन तक सड़कों पर सोए और लड़े। आज WFI का अध्यक्ष चुना गया है बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को। अगर WFI का अध्यक्ष बृजभूषण जैसे ही व्यक्ति को बना दिया गया है तो मैं कुश्ती को त्यागती हूं।

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने साक्षी और बजरंग पुनिया से जाकर मुलाक़ात की, और न्याय की लड़ाई में सहयोग करने का वादा भी किया। प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि साक्षी से मिलने वह राजनीति के कारण नहीं आई हैं, बल्कि महिला होने के कारण आई हैं।

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