मोदी सरकार दुश्मन एजेंटो की जासूसी करती तो पुलवामा न होता

मोदी सरकार दुश्मन एजेंटो की जासूसी करती तो पुलवामा न होता विश्व हिंदू परिषद के फायर ब्रांड नेता प्रवीण तोगड़िया का नाम पेगासस की लिस्ट में आने पर उन्होंने कहा कि

मोदी सरकार ने अगर हम जैसे देशभक्तों को छोड़ कर देश में बैठे पाकिस्तान के एजेंटों पर ध्यान दिया होता और उनकी जासूसी कराई होती तो देश को पुलवामा हमले का सामना नहीं करना पड़ता।

प्रवीन तोगड़िया के इस बयान को कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भरपूर साथ मिला है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रवीण तोगड़िया के इस बयान का समर्थन करते हुए कहा कि पुलवामा पूरी तरह से हमारी ख़ुफ़िया एजेंसियों की विफलता का नतीजा था।

प्रवीन तोगड़िया ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग जब तक सत्ता में नहीं थे तो हम उनको बेहद प्यारे हुआ करते थे आज वह सत्ता में हैं तो उन्हें हमारा चेहरा देखना भी गवारा नहीं है।

उन्होंने अपना नाम पेगासस सूची में आने पर कहा कि वह हमे देखना पसंद नहीं करते लेकिन छुप छुप कर हमारी आवाज़ सुनते हैं अगर हम जैसे देशभक्तों के बजाए यह ध्यान देश में बैठे पाकिस्तान के एजेंटों पर दिया होता तो देश में पुलवामा नहीं हुआ होता।

तोगड़िया ने कहा कि अमित शाह और मोदी से मेरी हज़ारों घंटे बात हुई है। जिन से मेरी कई हज़ार घंटे बात हुई हो वह मुझे छुप छुप कर सुन रहे हैं यह समझ में आने वाली बात नहीं है। इस्राईल सरकार किसी व्यक्ति को यह सॉफ्टवेयर नहीं देती तो भारत सरकार को जाँच करना चाहिए कि यह करतूत है किस की।

सरकार को जाँच करना चाहिए कि इस जासूसी सॉफ्टवेयर की मदद से हमारी जानकारी पाकिस्तान को तो नहीं दी जा रही।
याद रहे कि किसी समय मोदी और तोगड़िया में बीच बहुत मधुर संबंध थे दोनों की दोस्ती के चर्चे थे।

मोदी के सत्ता में आने के बाद तोगड़िया कई दिनों रहस्य्मयी ढंग से ग़ायब हो गए थे और अहमदाबाद में बेहोश हालत में मिले थे।
तोगड़िया ने आरोप लगाया था कि उन्हें जान से मरने की योजना थी और उनका एंकाउंटर करने की कोशिश की गई थी।

 

 

 

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