मुझे अस्पताल ले जाने के लिए बल प्रयोग किया तो किसानों में गुस्सा बढ़ेगा: डल्लेवाल
19 दिनों से अनशन पर बैठे दिग्गज किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अगर किसी सरकार ने मुझे अस्पताल ले जाने के लिए बल प्रयोग किया तो इससे किसानों में गुस्सा और बढ़ेगा और किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी उसी सरकार की होगी। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि उन किसानों का जीवन जो सरकार “सरकार की गलत नीतियों” के कारण आत्महत्या कर रहे हैं, उनके जीवन से ज्यादा मूल्यवान है।
70 वर्षीय जगजीत सिंह डल्लेवाल जो स्वयं कैंसर के मरीज हैं 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर हैं। उनका मुख्य मांग केंद्र सरकार की ओर से एमएसपी की कानूनी गारंटी देना है। डॉक्टरों ने उनकी बिगड़ती स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की सिफारिश की है, लेकिन डल्लेवाल अपने संकल्प पर अडिग हैं।
डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट की चिंता को स्वीकार करते हुए कहा, “मेरी जिंदगी लाखों भारतीय किसानों की जिंदगी से ज्यादा कीमती नहीं है। पिछले 25 सालों में 5 लाख से ज्यादा किसानों ने कृषि क्षेत्र में संकट के चलते आत्महत्या की है। इसे रोकने का एकमात्र उपाय स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देना है। मैं सुप्रीम कोर्ट से अपील करता हूं कि सरकार पर दबाव डालकर किसानों को आत्महत्या से बचाने का कदम उठाए।
डल्लेवाल ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केवल पंजाब और हरियाणा की राज्य सरकारों को चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का निर्देश दिया है इसलिए किसी भी राज्य सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश की गलत व्याख्या करके उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अगर किसी सरकार ने मुझे अस्पताल ले जाने के लिए बल प्रयोग किया तो इससे किसानों में गुस्सा और बढ़ेगा और किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी उसी सरकार की होगी। ऐसी गलती किसी भी सरकार को नहीं करनी चाहिए।