मैं भगवान राम को बीजेपी से आज़ाद देखना चाहता हूं: उद्धव ठाकरे

मैं भगवान राम को बीजेपी से आज़ाद देखना चाहता हूं: उद्धव ठाकरे

मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को एक जनसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला किया। आगामी तीन महीने में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर ठाकरे ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प लिया। उन्होंने अपने भाषण में कहा, “मैं राम को बीजेपी से आज़ाद देखना चाहता हूं।”

ठाकरे ने बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी ने शिवसेना के चुनावी निशान को चुराकर और उनकी पार्टी को विभाजित करके उनकी पीठ में छुरा घोंपा है। उन्होंने कहा, “कोई सच्चा हिंदू ऐसा कृत्य नहीं कर सकता। बीजेपी वाले केवल राम का उपयोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं।”

राम मंदिर और आदर्श घोटाले का जिक्र
उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर की छत टपकने की हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि अयोध्या में भी आदर्श घोटाला हुआ है। उन्होंने जनता से सवाल किया कि इस घोटाले में कौन लोग शामिल हैं। यह टिप्पणी उस समय आई जब राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी का जोर-शोर से प्रचार चल रहा है, जिसे वह अपने हिंदुत्व के एजेंडे का मुख्य हिस्सा मानती है।

महिलाओं के अधिकारों की बात
ठाकरे ने महाराष्ट्र की महिलाओं को शिंदे सरकार की ‘लाडकी बहन स्कीम’ का लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उनके हक का पैसा है और महिलाओं को इसे पूरी तरह से लेना चाहिए। हालांकि, उन्होंने महिलाओं को यह भी चेताया कि वे अपनी गरिमा और सम्मान के साथ कोई समझौता न करें।

क्षेत्रीय समर्थन और चुनावी रणनीति
उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में मुंबई, ठाणे और कोंकण क्षेत्रों पर दावा करते हुए कहा कि ये इलाके उनके हैं और वह इन क्षेत्रों में बीजेपी के प्रभाव को समाप्त करने का पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, “तीन महीने का इंतजार कीजिए, मैं उनके कलेक्टरों को ऐसी जगह भेजूंगा कि बस।” ठाकरे ने यह भी दावा किया कि मुस्लिम, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय उनके साथ हैं, जिससे उन्होंने अपने गठबंधन को व्यापक जन समर्थन प्राप्त होने का संकेत दिया।

उद्धव ठाकरे के इस बयान से साफ है कि वह आगामी चुनावों में बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है और चुनावी माहौल को और गर्मा सकता है। ठाकरे के इन बयानों से यह भी साफ हो जाता है कि वह राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की रणनीति बना रहे हैं और इस बार वह बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे को खुलकर चुनौती देने के मूड में हैं।

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