शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूँ: पीएम मोदी
मालवन में राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना सोमवार दोपहर क़रीब 1 बजे घटी। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची है। यह कितना बड़ा मुद्दा है, यह इससे समझा जा सकता है कि बीजेपी के साथ एनडीए सरकार में शामिल अजित पवार का एनसीपी खेमा बेहद नाराज़ है। उनकी एनसीपी अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ मौन प्रदर्शन कर रही है।
अहम बात यह भी है कि अगले कुछ महीने में ही राज्य में चुनाव होने वाले हैं। शिवाजी की प्रतिमा ढहने की नाराज़गी कहीं कुछ राजनीतिक दलों की चुनावी नैया न डुबो दे, यह चिंता तो नेताओं को है ही। पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था। यानी क़रीब आठ महीने पहले ही पीएम मोदी प्रतिमा अनावरण के मौक़े पर तस्वीरें खींचवा रहे थे।
पीएम मोदी ने शिवाजी महाराज को अब आराध्य देव क़रार दिया और कहा कि सिर झुकाकर मैं शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूँ। उनकी यह माफी तब आई है जब पूरे महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर जबरदस्त ग़ुस्सा है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने कहा है, ‘हालात ये हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में महापुरुषों को भी नहीं बख्शा जा रहा है।’ घटना के दिन कांग्रेस ने कहा था, ‘बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2023 को महाराष्ट्र के राजकोट में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। अब क़रीब आठ महीने बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई। हालात ये हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में महापुरुषों को भी बख्शा नहीं जा रहा है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था, “सिंधुदुर्ग में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढह गई। मोदी जी ने पिछले साल दिसंबर में इसका उद्घाटन किया था। ठेकेदार कौन था? क्या यह सही है कि यह काम ठाणे के ठेकेदार को दिया गया था? ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? ठेकेदार ने ‘खोके सरकार’ को कितना ‘खोके’ दिया?” हालाँकि, घटना के तुंरत बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तेज हवाओं के कारण प्रतिमा गिरने का आरोप लगाया था।’