नागालैंड में AFSPA क़ानून को हटाने के लिए सैकड़ों लोगों ने निकाला पैदल मार्च

नागालैंड में AFSPA क़ानून को हटाने के लिए सैकड़ों लोगों ने निकाला पैदल मार्च

नागालैंड के सैकड़ों लोगों ने नगालैंड से सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (AFSPA) हटाने और मोन जिले में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मारे गये 14 आम नागरिकों के लिए इंसाफ की मांग करते हुए दीमापुर से 70 किलोमीटर दूर राज्य की राजधानी कोहिमा तक दो दिवसीय पैदल मार्च में हिस्सा लिया.

बता दें कि जिन लोगों ने पैदल मार्च में हिस्सा लिया उनके हाथों में तख्तियां और बैनर थे, जिन पर अफस्पा कानून को निरस्त करने की मांग की गई थी. साथ ही लोगों ने 14 आम नागरिकों की मौत के मामले में इंसाफ के लिए भी नारे लगाए

गौर तलब है कि पिछले कुछ हफ्तों से सोशल मीडिया पर व्यापक अभियान के बाद विभिन्न नागा सिविल सोसाइटी संगठनों द्वारा दो दिवसीय वॉकथॉन का नेतृत्व किया गया.

इस पैदल मार्च के आयोजकों के इस बात की उम्मीद लगाई है कि जैसे-जैसे यह मार्च कई गांवों और छोटे शहरों से होकर गुजरेगा, वैसे वैसे  इस मार्च में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.

बता दें कि वॉकथॉन के नेता कोहिमा में नागालैंड के कार्यवाहक राज्यपाल जगदीश मुखी के जरिये केंद्र को ज्ञापन सौंपेंगे.

पैदल मार्च में हिस्सा लेने वालों ने कहा कि हम अफस्पा को जल्द से जल्द हटाने के वास्ते केंद्र और राज्य सरकार  को याद दिलाने के लिए ये पैदल मार्च आयोजित कर रहे है

गौर तलब है कि अफस्पा के खिलाफ लोगों की नाराजगी को व्यक्त करने और नगा लोगों की गरिमा की रक्षा करने के लिए आयोजित यह मार्च बहुत ही शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा है.

मार्च में हिस्सा लेने वालों ने ये भी कहा कि “जब तक सरकार हमारी मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देती, हम विभिन्न तरीकों से अपने कार्यक्रम जारी रखेंगे.” उन्होंने कहा कि AFSPA को खत्म करने की जनता की मांग पर विचार किए बिना केंद्र ने 30 दिसंबर को इसे 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया. यह असहनीय है

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