वक्फ बिल पर गृहमंत्री का बयान संसदीय प्रक्रियाओं का उल्लंघन: आईएमसीआर

वक्फ बिल पर गृहमंत्री का बयान संसदीय प्रक्रियाओं का उल्लंघन: आईएमसीआर

नई दिल्ली: वक्फ संपत्तियों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल 2024 पर विवाद गहराता जा रहा है। इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स (आईएमसीआर) के चेयरमैन और पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने इस बिल के खिलाफ अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि वक्फ संशोधन बिल 2024 को हर हाल में संसद से पारित कराया जाएगा, न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि यह संसदीय प्रक्रियाओं का उल्लंघन भी करता है।

आईएमसीआर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में मोहम्मद अदीब ने कहा कि गृह मंत्री का यह बयान स्पष्ट रूप से सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। उनका मानना है कि सरकार बिना पूरी पारदर्शिता के इस बिल को पारित कराने की कोशिश कर रही है, जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है।

इस मुद्दे पर उन्होंने समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल को एक विरोध पत्र भी भेजा है, जिसमें गृह मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण की मांग की गई है। इस पत्र की प्रति संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सभी सदस्यों को भी भेजी गई है, ताकि समिति के सभी सदस्य इस मुद्दे पर विचार करें और गृह मंत्री से जवाब तलब करें। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री का बयान संसदीय समिति की गरिमा को ठेस पहुंचाता है और इसके महत्व को कम करता है।

मुस्लिम समुदाय की अपील

मोहम्मद अदीब ने मुस्लिम समुदाय के प्रमुख नेताओं और संगठनों से अपील की है कि वे इस बिल के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें। उन्होंने कहा कि हालांकि संसदीय समिति की मौखिक साक्ष्य प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन अब यह समिति विभिन्न राज्यों और शहरों का दौरा करेगी ताकि मुस्लिम समुदाय के नेताओं से उनकी राय ली जा सके। उन्होंने उन सभी से, जिन्होंने अब तक जेपीसी के सामने अपना बयान नहीं दिया है, अपील की है कि वे जब यह समिति उनके राज्य या शहर में आए, तो अधिक से अधिक संख्या में समिति के सामने पेश होकर अपने विरोध को तर्कों के साथ दर्ज कराएं।

स्थानीय नेताओं की ज़िम्मेदारी

मोहम्मद अदीब ने कहा कि जिस भी राज्य में संसदीय समिति जाएगी, वहां के मुस्लिम नेताओं और ज़िम्मेदारों का यह दायित्व है कि वे समिति के सामने अपनी आपत्तियों को मजबूती से रखें। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ है और इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसलिए हर राज्य में मुस्लिम नेता इस बिल के खिलाफ एकजुट होकर इसका विरोध करें और समिति के सदस्यों को स्पष्ट रूप से बताएं कि यह बिल उन्हें मंजूर नहीं है।

आईएमसीआर का मानना है कि वक्फ संशोधन बिल 2024 मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों पर एक हमला है और इसे कानून बनने से रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। मोहम्मद अदीब ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर समुदाय की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता, और संसदीय प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सभी को अपनी आपत्तियां दर्ज करने का पूरा अधिकार है।

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