बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में होगी हिन्दू स्टडीज, जानिए सब कुछ बीएचयू इन दिनों खबरों में है।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने जब इस साल हिंदू स्टडीज को लेकर मास्टर्स डिग्री कोर्स शुरू किया तो इस पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं हुईं। इस कोर्स में दाखिला लेने की तारीख तो बीत चुकी है लेकिन जानते हैं कि ये कोर्स है क्या और यूनिवर्सिटी ने इसको क्यों शुरू किया।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) ने हाल ही में एक कोर्स शुरू किया है, इस कोर्स का नाम है हिंदू स्टडीज। यह इसी साल के शैक्षिक सत्र से यूनिवर्सिटी में शुरू किया जा रहा है। यह कोर्स मास्टर्स डिग्री यानि एमए कोर्स होगा। इसे बीएचयू का भारत अधय्यन केंद्र की फैकल्टी ऑफ आर्ट्स शुरू कर रहा है।
हालांकि हिंदू स्टडीज के हल्के फुल्के कोर्स तो अब तक कई संस्थाएं कराती रही हैं। लेकिन किसी विश्वविद्यालय ने पहली बार इस तरह का एक कोर्स तैयार किया है और एमए के स्तर पर इसकी पढाई होगी। माना जा रहा है कि ना केवल देश के छात्र बल्कि विदेशी छात्र भी इसे पढ़ने में दिलचस्पी दिखाएंगे।
दरअसल ये कोर्स प्राचीन भारत के गौरव से जुड़ा हुआ ज्यादा है। इसमें फिलास्फी, भाषा, परंपरा, धर्म, वैदिक परंपराएं सभी कुछ आ जाएंगे। इस कोर्स के जरिए छात्र भारतीय संस्कृति और हिंदूज्म से तार्किक दृष्टिकोण के साथ परिचित होंगे। इस कोर्स में बीएचयू के कई विभाग अपना योगदान देंगे।
यूनिवर्सिटी ने इस कोर्स को शुरू करने का कारण बताते हुए कहा कि वो इस तरह के कोर्स पर लंबे समय से विचार कर रहे थे। अब इसे शुरू कर दिया गया है। इसकी जरूरत इसलिए भी महसूस की गई क्योंकि ऐसा कोई कोर्स कहीं इस तरह से नहीं था। क्रिश्चियन और इस्लामिक देशों में धर्म आधारित बहुत से कोर्स चलते रहते हैं लेकिन भारत में अब तक पूरी तरह तैयार किया गया ऐसा कोई कोर्स हिंदू स्टडीज को लेकर नहीं था।
इस कोर्स में कोई भी दाखिल हो सकता है। इसके लिए ये जरूरी नहीं होगा कि उसको आर्ट्स का छात्र होना चाहिए। आईटी तकनीक से लेकर साइंस डिग्री लेने वाले भी इस पढ़ सकते हैं। यह दो साल का एमए होगा. 04 सिमेस्टर्स में 16 पेपर्स की पढ़ाई होगी। हालांकि इसके दाखिले की तारीख तो इस साल निकल चुकी है. इसकी आखिरी तारीख 07 सितंबर थी।
इसमें तत्व ज्ञान, धर्म, रामायण और महाभारत की प्रमन विधियां और अभ्यास, पुराण, प्राचीन भारत में संवाद परंपरा, संस्कृत और पश्चिमी देशों की हिंदू धर्म के प्रति उत्सुकता के नजरिए से भी इसे पढाया जाएगा। इस कोर्स में हिंदू फिलास्फी, तत्व मीमांस का गहन विश्लेषण, धर्म कर्म मीमांस और प्रमन मीमांसा जैसी बातें शामिल रहेंगी। संस्कृत भी इसमें शामिल रहेगी.इसमें प्राचीन भारत में सेना,सैन्यकला, सेना में महिलाएं, विज्ञान और रणनीति जैसे विषय भी रहेंगे।
पाठ्यक्रम के संचालन में मुख्य भूमिका फिलॉस्फी डिपार्टमेंट की होगी जो हिंदू धर्म की आत्मा, महत्वाकांक्षाओं और हिंदू धर्म की रूपरेखा के बारे में बताएगा। प्राचीन इतिहास और संस्कृति विभाग इसमें प्राचीन व्यापारिक गतिविधियों, वास्तुकला, हथियारों, महान भारतीय सम्राटों और उनके उपयोग में आने वाले उपकरणों के बारे में जानकारी देने की रहेगी। संस्कृत विभाग प्राचीन शास्त्रों, वेदों और प्राचीन अभिलेखों के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी देगा।
बीएचयू के अलावा ऐसे कोर्स श्रीश्री यूनिवर्सिटी ने भी शुरू किया है। साथ ही आक्सफोर्ड में हिंदू स्टडीज केंद्र है, जिसमें कई तरह के ऐसे छोटे कोर्स पढाए जाते हैं। जिसमें योग को भी शामिल किया गया है।


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