राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा यह ‘मानव निर्मित आपदा’
गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेम ज़ोन में भीषण आग लगने से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में हाईकोर्ट की स्पेशल ब्रांच के समक्ष सुनवाई हुई। जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि यह मानव निर्मित आपदा है। बता दें कि राजकोर्ट अग्निकांड में मासूम बच्चों की जान जाने पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। अहमदाबाद में सिंधुभान रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
कोर्ट ने यह भी पाया कि गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया है। हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर स्वत: संज्ञान लिया और खुद संज्ञान याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट समेत निगम से स्पष्टीकरण मांगा।
कोर्ट ने कहा कि निगम को ये बताना होगा कि कानून के किस प्रावधान के तहत इस गेमिंग जोन को संचालित करने की अनुमति दी गई थी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि निगम ये जानकारी एक दिन में मुहैया कराए। इसके साथ ही कोर्ट ने अग्नि सुरक्षा नियमों के अनुपालन के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा है बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई कल होगी। कोर्ट ने कल राज्य सरकार के साथ ही सभी नगर निगमों को तलब किया है।
टीआरपी गेमिंग जोन में शनिवार को भीषण आग लगने से करीब पांच किलोमीटर तक धुएं का गुब्बार दिखाई दिया। गेमिंग जोन के अंदर भारी मात्रा में लकड़ियों के फर्नीचर के अलावा, लकड़ियों का अन्य मेटेरियल और टायर भी थे। पूरा गेम जोन ईंट कंक्रीट की बजाय टीन शीट और स्ट्रक्चर लकड़ियों से बनाया गया था।
इस वजह से आग बढ़ती चली गई और पूरा गेमिंग जोन आग की वजह से खाक हो गया. करीब तीन घंटे में आग पर काबू पाया गया। हादसे के बाद सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही घायलों को 50 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी जाएगी।