हरीश रावत फिर हारे, भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने बड़े अंतर से दी मात

हरीश रावत फिर हारे, भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने बड़े अंतर से दी मात

कांग्रेस के कद्दावर नेता और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रहे हरीश रावत एक बार विधान सभा चुनाव हार गए हैं।

2017 में दो दो सीट से चुनाव लड़ने वाले हरीश रावत को दोनों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था। 2017 के चुनाव में वह दो सीटों हरिद्वार ग्रामीण व किच्छा से खड़े थे। दोनों सीटों से करारी हार मिली थी।

2022 में भी कमोबेश वही इतिहास दोहराया गया है। उत्तराखंड की लालकुआं सीट आखिरी समय में उनकी उम्मीदवारी के साथ ही यह सीट वीआइपी बन गई थी।

उत्तराखंड कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत को नैनीताल जिले की लालकुआं विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बड़े अंतर से हराया। हरीश रावत का यह दूसरा चुनाव है, जिसमें उन्हें लगातार हार का सामना करना पड़ा है।

हरीश रावत सवा दो साल तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं। इससे पहले वह केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री भी रहे. हरिद्वार से सांसद भी रह चुके हैं। 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत को हार का सामना करना पड़ा। 2017 में मुख्यमंत्री रहते हरीश रावत को दो दो सीट से हार का सामना करना पड़ा था।

हरीश रावत को 1980 में उस समय पहली बार बड़ी सफलता हाथ लगी थी, जब उन्होंने अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को हराकर संसद में पहुँच बनाई थी। इसके बाद 1984 में उन्होंने और भी बड़े अंतर से मुरली मनोहर जोशी को शिकस्त दी।

हरीश रावत ने 14 फरवरी को मतदान के बाद खुद को सीएम तक घोषित कर दिया था। अब भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट के हाथों 14 हजार से अधिक वोटों से हार का सामना करने वाले हरदा के राजनैतिक भविष्य को लेकर भी अटकलों का बाजार गरम हो गया है।

बता दें कि हरीश रावत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने की अवस्था में वह यह तो मुख्यमंत्री बनेंगे या घर बैठ जाएंगे। अब जब न कांग्रेस सत्ता तक पहुँच रही है हरीश रावत की हार ने भी उनके राजनैतिक भविष्य को लेकर सवाल उठा दिए हैं।

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