बिहार पहुंचा हनुमान चालीसा विवाद, देश के लिए हानिकारक है भाजपा

बिहार पहुंचा हनुमान चालीसा विवाद, भाजपा की चाल देश के लिए हानिकारक

हनुमान चालीसा को लेकर देश के कई भागों में जारी विवाद अब बिहार भी पहुंच गया है । भाजपा और एबीवीपी ने अपने कार्यक्रम में हनुमान चालीसा का पाठ किया जिस पर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए हनुमान चालीसा और हिंदू सेंटीमेंट को लेकर बयान दिया है।

बिहार कांग्रेस ने भाजपा की नीतियों पर पर वार करते हुए कहा कि भाजपा की नीतियों और हनुमान चालीसा विवाद के खानदेश कारण देश विभाजित हो रहा है कांग्रेस के बयान के बाद एक बार फिर बिहार की राजनीति गर्मा गई है। भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने मुख्यमंत्री पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के आरोप लगाते हुए कहा कि इन दिनों बिहार में इफ्तार पार्टी चल रही है फलाहार पार्टी हो तब हम भी देखेंगे ।

जहां भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ही सवार उठाते हुए कहा कि बिहार के कई जिलों में तो खुलेआम हनुमान चालीसा भी नहीं पढ़ सकते वहीं बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने विवादित बयान देते हुए कहा के हनुमान चालीसा पढ़ने से देश विभाजित होगा। कांग्रेस नेता मदन मोहन ने कहा कि हनुमान चालीसा नहीं पढ़ना चाहिए इस से देश में विभाजन बढ़ रहा है।

कांग्रेस नेता मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार में बीजेपी विकास का कोई काम नहीं कर रही है। इसलिए अब वह देश को विभाजित करने का प्रयास कर रही है। इस कार्यक्रम में डिप्‍टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के शामिल होने और हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर विवाद खड़ हुआ है।

बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने नितीश सरकार को निशाने पर लेने के साथ ही कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा कि बिहार में कई कश्मीर बन गए हैं। किशनगंज और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में हनुमान चालीसा नहीं पढ़ा जा सकता है। बिहार के कई पंचायत, कई जिले ऐसे हैं जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं। इन जगहों पर हनुमान चालीसा नहीं पढ़ा जा सकता है।

दक्षिणपंथी विचारधारा वाले हरि भूषण ठाकुर बचौल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाजवाद और सेकुलरिज्म को भी आड़े हाथ लिया। हरी भूषण ठाकुर ने कहा बिहार में तुष्टीकरण की राजनीति चल रही है। इसी लिए बिहार में लगातार इफ्तार पार्टियां दी जा रही हैं। उन्‍होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर कहा कि आप देख ही रहे लोग मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए क्‍या-क्‍या कर रहे हैं।

 

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