हल्द्वानी हिंसा: गिरफ्तार मुस्लिम युवाओं की तुरंत जमानत की मांग

हल्द्वानी हिंसा: गिरफ्तार मुस्लिम युवाओं की तुरंत जमानत की मांग

उत्तराखंड: हल्द्वानी हिंसा मामले में पुलिस की ज्यादती का शिकार हुए 20 मुस्लिम युवाओं की जमानत याचिका पर कल उत्तराखंड हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान गरमागरम बहस हुई। इसमें जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नित्य रामा कृष्णन ने जोरदार तर्कों के साथ पुलिस के मामले में देरी करने की चाल को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार देते हुए गिरफ्तार लोगों की तुरंत डिफॉल्ट जमानत की मांग की। उन्होंने दलील दी कि जांच एजेंसी ने मुस्लिम युवाओं की गिरफ्तारी के 28 दिन बाद उन पर यूएपीए (UAPA) लागू किया ताकि एजेंसी को जांच के लिए और अधिक समय मिल सके।

हाईकोर्ट में जस्टिस पंकज पुरोहित और जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की डिवीजन बेंच के सामने नित्य रामा कृष्णन ने सेशन कोर्ट के रवैये की भी शिकायत करते हुए कहा कि उसने लोकसभा चुनाव की वजह से चार्जशीट में देरी के पुलिस के बहाने को स्वीकार करते हुए गिरफ्तार लोगों की डिफॉल्ट जमानत को खारिज कर दिया था। उन्होंने इस मामले में पुलिस को और अधिक समय दिए जाने का सख्ती से विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि कानून के अनुसार आरोपियों के खिलाफ समय पर चार्जशीट दाखिल करना आवश्यक है, अन्यथा वे डिफॉल्ट जमानत के हकदार होंगे और इसके लिए आरोप की गंभीरता का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट और कई हाई कोर्ट के फैसलों का भी हवाला दिया।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने इस मामले में पुलिस द्वारा और 28 दिनों की मोहलत मांगने को गैरकानूनी करार देते हुए सीआरपीसी की धारा 167 और यूएपीए की धारा (2) 43 डी के तहत गिरफ्तार लोगों की तुरंत डिफॉल्ट जमानत की मांग की। इसमें यूएपीए के तहत 65 साल की महिला सहित अन्य 7 महिलाओं को भी जेल में बंद रखने का हवाला दिया गया।

उन्होंने अदालत से डिफॉल्ट जमानत पर भी जल्द से जल्द बहस की अपील की है। इस मामले में जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बहस पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे वकीलों ने बेहद व्यापक और तर्कसंगत बहस की। उन्होंने माननीय अदालत को इस बात पर सहमत करने की हर संभव कोशिश की कि इस मामले में पुलिस ने कानूनी सीमाओं का उल्लंघन करते हुए आरोपियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया ताकि उन्हें तुरंत जमानत न मिल सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles