पतंजलि फूड्स को जीएसटी इंटेलीजेंस विभाग ने भेजा नोटिस, कंपनी के शेयर 4% तक गिरे
नयी दिल्ली: पतंजलि फूड्स को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) आसूचना विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजकर कंपनी से यह बताने को कहा है कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए। कंपनी द्वारा 26 अप्रैल को नियामक में जमा कराए गए विवरण के अनुसार, योग गुरु रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी को जीएसटी आसूचना महानिदेशालय, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है। यह कंपनी मुख्य रूप से खाद्य तेल व्यवसाय में है।
जीएसटी इंटेलीजेंस विभाग द्वारा पतंजलि फूड्स को कारण बताओ नोटिस भेजे जाने के बाद मंगलवार, 30 अप्रैल को सुबह के सौदों में बीएसई पर पतंजलि फूड्स के शेयर 4.05 फीसदी तक गिर गए। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने 26 अप्रैल को कंपनी द्वारा की गई एक रेगुलेटरी फाइलिंग के बाद यह नोटिस भेजा गया है। योग गुरु रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी पतंजलि फूड्स मुख्य रूप से खाद्य तेल के धंधे में है।
खास बात यह है कि कंपनी हरियाणा और पश्चिमी यूपी से तेल मिलों से तेल खरीदती है और अपनी पैकेजिंग कर शुद्ध खाद्य तेल के नाम पर प्रॉडक्ट को बाजार में उतार देती है। पतंजलि फूड्स ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि “कंपनी को एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है…। उसके अधिकारियों और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं (मालिक) को कारण बताने के लिए कहा गया है कि 27,46,14,343 रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट राशि (ब्याज सहित) क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए और जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए…।”
पतंजलि फूड्स ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि “कंपनी को एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है…। उसके अधिकारियों और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं (मालिक) को कारण बताने के लिए कहा गया है कि 27,46,14,343 रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट राशि (ब्याज सहित) क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए और जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए…। विभाग ने एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) अधिनियम, 2017 की धारा 20 के साथ पठित केंद्रीय माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 और उत्तराखंड राज्य माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला देते हुए नोटिस दिया है।
कंपनी पतंजलि, रुचि गोल्ड, न्यूट्रेला आदि ब्रांडों के जरिए खाद्य तेल, खाद्य और एफएमसीजी और पवन ऊर्जा उत्पादन क्षेत्रों में काम करती है। पतंजलि आयुर्वेद ने दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से रुचि सोया का अधिग्रहण किया था और बाद में कंपनी का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स लिमिटेड कर दिया था। एक साल में कंपनी के शेयरों में 61 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया था। लेकिन अब कहानी बदल चुकी है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि पतंजलि और रामदेव के धंधे की कहानियां एक-एक कर सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर तमाम लोग पतंजलि के तमाम प्रॉडक्ट पर टिप्पणियां कर रहे हैं। कंपनी शुद्ध गाय का घी बेचने का हवाला अपने विज्ञापनों में दिया था, उस पर भी सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं।


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