किसानों को सरकार ने पांच साल तक 4 फसलों पर एमएसपी का प्रस्ताव दिया
किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच रविवार को चौथे दौर की बैठक में केंद्रीय मंत्रियों ने 4 फसलों मक्का, कपास, अरहर और उड़द पर MSP देने का प्रस्ताव दिया। इन्हें सहकारी सभाओं के जरिए पांच साल तक खरीदेंगे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि यह 5 साल का कांट्रैक्ट नैफेड और NCCF से होगा।
किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए समय लिया है। इस मुद्दे पर किसान 21 फरवरी से पहले सरकार को जवाब देंगे। वहीं,दूसरी तरफ किसान संगठनों ने अभी आंदोलन खत्म करने का ऐलान नहीं किया है। फिलहाल शंभू बॉर्डर और खनौली बॉर्डर पर डटे रहेंगे।
देर रात चली इस मुलाकात के बाद दोनों पक्षों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार ने अपने प्रस्ताव में क्या बड़ी बातें शामिल की हैं। वहीं किसानों ने बताया कि उन्होंने सरकार के प्रस्ताव पर अध्ययन के लिए दो दिन का समय मांगा है।
केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रस्ताव लाने के बाद किसान प्रदर्शनकारी थोड़े शांत हुए हैं। उन्होंने सरकार से चौथे दौर की बातचीत के बाद अपना प्रदर्शन कुछ समय रोकने का ऐलान किया। ये प्रस्ताव सरकार रविवार (18 फरवरी 2024) को लेकर आई। हालांकि अभी दूसरे किसान संगठनों की प्रतिक्रिया आनी बाक़ी है जो इस धरने में शामिल नहीं हैं।
इस बैठक में किसानों के 14 प्रतिनिधि और केंद्र सरकार के किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल हुए थे। इनके अलावा इस बैठक पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे। इस बैठक में पंजाब सीएम भगवंत सिंह मान ने भी किसानों के हितों की रक्षा के लिए फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी रूप देने की वकालत की।
उन्होंने बैठक के दौरान मोजाम्बिक और कोलंबिया से दालों के आयात का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा यह आयात 2 अरब डॉलर से अधिक है, मान ने कहा कि अगर इस फसल के लिए एमएसपी दिया जाता है तो पंजाब दालों के उत्पादन में देश का नेतृत्व कर सकता है और यह दूसरी हरित क्रांति होगी।