मणिपुर में सरकार ने भारत को मार डाला है: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा मुद्दे पर मोदी सरकार के अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसी की नहीं सुनते, सिर्फ दो की सुनते हैं, एक अमित शाह की सुनते है और दूसरे अडानी की। उन्होंने कहा कि रावण भी दो लोगों की बात मानता था, एक मेघनाथ की और दूसरे कुंभ करण की, और श्रीलंका को हनुमान जी ने नहीं बल्कि रावण के अहंकार ने जलाया था।
राहुल गांधी ने आज लोकसभा में अपना भाषण शुरू करते हुए सबसे पहले उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल करने के लिए स्पीकर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं उनसे माफी मांगना चाहता हूं कि पिछली बार मैंने ऊंची आवाज में बात की थी जिससे आपको और आपके नेता को ठेस पहुंची थी। मेरे अडाणी पर बोलने से (सत्तारूढ़ वर्ग) चिंतित हो गये। राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी के लोगों को आज डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि मेरे भाषण का विषय अडानी जी नहीं है क्योंकि आज मेरा भाषण एक अलग दिशा में जा रहा है।”
राहुल गांधी ने कहा कि रूमी ने कहा था कि दिल से निकली बातें दिल तक जाती हैं, इसलिए आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलने जा रहा हूं। मैं आप लोगों पर ज्यादा हमला नहीं करूंगा। मैं निश्चित रूप से गोल ज़रूर मारूंगा, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं।
भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, ”मैं 130 दिनों तक हिंदुस्तान के एक कोने से दूसरे कोने तक गया और मैं अकेला नहीं था। मैं समुद्र तट से कश्मीर की बर्फीली पहाड़ियों तक गया और तीर्थयात्रा जारी है। कई लोगों ने पूछा कि राहुल आप पैदल क्यों चल रहे हैं! जब उन्होंने पूछा तो पहले तो मैं अवाक रह गया। शायद मैं उस समय गहराई से नहीं जानता था।
कुछ ही दिनों में मुझे समझ आने लगा कि मैं किस चीज के लिए मरने को तैयार हूं, किस चीज के लिए मैं मोदीजी की जेल जाने को तैयार हूं। मैं वर्षों से आठ से दस किलोमीटर दौड़ता था, इसलिए मुझे लगा कि इसमें (भारत जोड़ो यात्रा में) कोई समस्या नहीं है, लेकिन जब चोट लगी, तो अहंकार गायब हो गया। जब भी ये डर बढ़ता, कोई मुझे ताकत देता। एक छोटी बच्ची ने लिखा कि वह उनके साथ चल रही थी। किसान, हज़ारों लोग आये और फिर मैं बोल नहीं सका क्योंकि वो इतनी बातें कर रहे थे।
अपनी बात को जारी रखते हुए राहुल गांधी ने कहा, ”तभी एक किसान आया और वह अपने हाथ में रूई लिए हुए था। उसने मेरी आँखों में देखते हुए मुझे रुई का एक बंडल दिया और कहा- मेरे खेत में यही बचा है और कुछ नहीं बचा है। मैंने पूछा क्या बीमे का पैसा मिला ? जिस पर किसान ने नहीं में जवाब देते हुए कहा कि बड़े पूंजीपतियों ने मुझसे यह छीन लिया।
उसके दिल में जो था वो मेरे दिल में आ गया। मैं उसकी शर्म और उसकी भूख को समझ गया। इसके बाद यात्रा पूरी तरह बदल गयी। मैं केवल वही सुन सकता था जो सामने वाले ने कहा, और कुछ नहीं। हर कोई इस देश के बारे में बहुत सारी बातें करता है, लेकिन यह देश केवल लोगों की आवाज़ है और अगर हम उस आवाज़ को सुनना चाहते हैं, तो हमें घमंड, नफरत और अपने सपनों को छोड़ना होगा।
मणिपुर के मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ”मैं मणिपुर गया था और प्रधानमंत्री ने अभी तक मणिपुर का दौरा नहीं किया है, क्योंकि मणिपुर उनके लिए भारत नहीं है। उन्होंने मणिपुर को दो भागों में बाँट दिया। मैंने मणिपुर परिसर में महिलाओं और बच्चों से बात की, जो हमारे प्रधान मंत्री ने आज तक नहीं किया है।”
उन्होंने कहा कि ”जब एक महिला से पूछा कि क्या हुआ! महिला ने तब कहा कि उसके इकलौते बच्चे को उसके सामने गोली मार दी गई थी और वह उसके शव के पास लेटी हुई थी। फिर वह डर गयी और घर से निकल गयी। उसने कहा कि वह खाली हाथ लौटी है। उसने बस अपने पास मौजूद तस्वीर निकाली और उसे दिखा दी। जैसे ही दूसरी महिला से पूछा गया कि तुम्हें क्या हुआ, तो वह एक सेकंड में कांपने लगी और इस भयानक घटना के बारे में सोचकर बेहोश हो गई।
‘इसके बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ”उन्होंने मणिपुर में भारत माता की हत्या कर दी। राहुल गांधी के इस बयान पर लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि पूर्व के हालात के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।