‘ग़ज़्ज़ा पर हमला हो रहा था और बाइडेन तेल अवीव में बैठे देख रहे थे: राउत
फिलीस्तीन और इज़रायल के बीच युद्ध को लेकर मोदी सरकार ने कई दशकों से चली आ रही भारत की विदेश नीति से हटकर इज़रायल को समर्थन देने की घोषणा की थी जिसके बाद देश में हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है जो थोड़ा सा भी फिलीस्तीन का समर्थन करता है। हालांकि कल प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया था कि भारत की फ़िलिस्तीन इज़रायल नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
हाल ही में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक बैठक में कहा था कि जिस जमीन पर युद्ध चल रहा है वह फिलिस्तीनी लोगों की है। इज़रायल वहां कब्जा कर रहा है। उनके इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने शरद पवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन नेताओं में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस भी शामिल हो गए हैं।
देवेन्द्र फडणवीस ने ट्वीट कर शरद पवार पर फिलिस्तीन के नाम पर वोटों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। हालांकि, उन्होंने यह सफाई भी दी कि भारत सरकार ने अपनी विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं किया है। उपमुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ”भारत ने फ़िलिस्तीन संघर्ष के संबंध में अपनी स्थिति बिल्कुल नहीं बदली है।
हालाँकि, भारत ने हमेशा किसी के खिलाफ किसी भी तरह के आतंकवाद का विरोध किया है। उन्होंने कहा, ”पूरा विश्व इज़रायल में ‘निर्दोषों’ की मौत की निंदा कर रहा था, भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए। उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं शरद पवार जी से अनुरोध करता हूं कि वे वोट बैंक के बारे में न सोचें बल्कि आतंकवाद का पुरजोर विरोध करें।
पेगासस और ईवीएम के लिए इज़रायल का समर्थन
देवेन्द्र फडणवीस के आरोपों का जवाब देते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने उपमुख्यमंत्री को इतिहास पढ़ने की सलाह दी है। साथ ही जासूसी ऐप पेगासस और ईवीएम से छेड़छाड़ करने वाली तकनीक खरीदने को लेकर बीजेपी पर इज़रायल समर्थक होने का आरोप भी लगाया है।संजय राउत ने कहा, ”ये लोग नहीं जानते कि दुनिया में क्या हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देवेन्द्र फडणवीस को पहले इतिहास पढ़ना चाहिए। संसद में अटल बिहारी वाजपेई का संबोधन सुनें। राउत ने कहा, “भारत की विदेश नीति हमेशा फिलिस्तीनियों का समर्थन करने की रही है। न तो पंडित नेहरू, न इंदिरा गांधी और न ही अटल बिहारी वाजपेयी ने इस नीति को बदला। सरकारें बदलती रहीं लेकिन देश की नीति वही रही। शिवसेना नेता ने आरोप लगाया, ”आपको (भाजपा) इज़रायल से पेगासस (जासूसी ऐप) मिला।” ईवीएम से छेड़छाड़ करने की तकनीक इज़रायल द्वारा प्रदान की गई है। इसीलिए आप इज़रायल के समर्थक हैं।
इस बीच, संजय राउत ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की भी निंदा करते हुए कहा कि ‘ग़ज़्ज़ा पर हमला हो रहा था और जो बाइडेन तेल अवीव में बैठकर इसे देख रहे थे। आखिर ये कहां की इंसानियत है? याद रहे कि महाराष्ट्र में पुलिस या प्रशासन ने ग़ज़्ज़ा पीड़ितों के समर्थन में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है, बल्कि कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई है।