कर्ज में डूबे कई राज्य बंद हो सकती है मुफ्त राशन योजनाएँ

कर्ज में डूबे कई राज्य बंद हो सकती है मुफ्त राशन योजनाएँ

हाल ही मे रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है जिस के मुताबिक 2014-15 से 2018-19 के बीच पंजाब ने केवल पांच फीसदी के करीब पैसा आर्थिक संसाधन में खर्च किया। जबकि इसी दौरान उसने लगभग 45 फीसदी पैसा आवश्यक देनदारियों पर खर्च किया। आंध्र प्रदेश ने केवल 10 प्रतिशत के करीब पैसा आर्थिक संसाधन पैदा करने वाले मदों में लगाया और लगभग 25 फीसदी पैसा आवश्यक देनदारियों पर खर्च किया।

रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2014-15 से 2018-19 के बीच पंजाब ने केवल पांच फीसदी के करीब पैसा आर्थिक संसाधन बनाने में खर्च किया जबकि इसी दौरान उसने लगभग 45 फीसदी पैसा आवश्यक देनदारियों पर खर्च किया। आंध्र प्रदेश ने केवल 10 प्रतिशत के करीब पैसा आर्थिक संसाधन पैदा करने में लगाया जबकि इसी दौरान उसने लगभग 25 फीसदी पैसा ज़रूरी देनदारियों पर खर्च किया। अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार आर्थिक संसाधन पैदा करने पर कम जबकि देनदारियों और कल्याणकारी योजनाओं पर भारी खर्च किया गया। खर्च करने के इस तरीके को आर्थिक दृष्टि से सही नहीं कहा जा सकता।

वित्त वर्ष 2020-21 में देश के विभिन्न राज्यों का औसतन कर्ज उनके सकल घरेलू उत्पाद का लगभग एक तिहाई यानी लगभग 31.3 फीसदी तक के ऊंचे स्तर पर पहुंच चुका है। इन् राज्यों में सबसे खराब स्थिति पंजाब की है जिसका कर्ज उसके जीएसडीपी का रिकॉर्ड 53.3 फीसदी तक पहुंच चुका है।

दूसरे सबसे खराब हालत में राजस्थान है जिसका कर्ज उसके जीएसडीपी का 39.8 फीसदी हो चुका है। इसी प्रकार पश्चिम बंगाल का कर्ज 38.8 फीसदी, केरल का 38.3 फीसदी, गुजरात 23 फीसदी, महाराष्ट्र 20 फीसदी और आंध्र प्रदेश का कर्ज उसके जीएसडीपी का 37.6 फीसदी हो चुका है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और आर्थिक मामलों के जानकार गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि भारत एक कल्याणकारी राज्य है। इसकी मूल संकल्पना में गरीब नागरिकों का हित करना शामिल है। इसलिए समाज में जो लोग रोटी, कपड़ा और मकान से वंचित हैं, केंद्र-राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होती है कि वे उन लोगों को ये सुविधाएं प्राप्त करने में मदद करें। हालांकि ऐसा करने में इस बात का यह ध्यान ज़रूर देना चाहिए कि मदद केवल जरूरतमंदों तक पहुंचनी चाहिए केवल वोट प्राप्त करने के लिए गैरजरूरी लोगों को मदद करने से देश पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा। इससे बचने की कोशिश की जानी चाहिए।

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