उत्तराखंड के पूर्व बीजेपी सीएम ने किया महात्मा गांधी का अपमान: कांग्रेस
नई दिल्ली: कांग्रेस ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की देशभक्ति को शर्मनाक बताया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर कांग्रेस संचार सचिव वैभव वालिया ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बापू के हत्यारे को देशभक्त कहना बापू का ही नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान है। यह पहली बार नहीं है, भाजपा नेता इससे पहले भी कई बार महात्मा गांधी का अपमान कर चुके हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वैभव वालिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, ”सबसे शर्मनाक बात यह है कि देश-विदेश में गांधीजी के व्यक्तित्व और महत्व की बात करने वाले प्रधानमंत्री भाजपा नेताओं द्वारा गांधीजी के अपमान पर चुप रहते हैं। विदेशों में जाकर वह बापू की प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं, लेकिन जब उनके सांसद, पूर्व मंत्री और नेता देश में गांधीजी का अपमान करते हैं तो चुप रहते हैं।
वैभव वालिया ने आगे कहा, ‘अगर हम बीजेपी नेताओं, प्रवक्ताओं और उनसे जुड़े संगठनों द्वारा बापू के प्रति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किए गए हर अपमान का जिक्र करने लगें तो एक पूरी किताब लिखनी पड़ेगी। आज हम मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा के पांच प्रमुख नेताओं के बयानों का ही जिक्र कर रहे हैं। बार-बार गांधीजी का अपमान होता है और प्रधानमंत्री जी कोई कार्रवाई नहीं करते। वालिया ने कहा कि 2019 में बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरह ही गोडसे को देशभक्त बताया था।
जब प्रधानमंत्री से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मैं उन्हें दिल से कभी माफ नहीं करूंगा। लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीजेपी में नंबर 2 की पोजीशन पर काबिज अमित शाह जी ने 2017 में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी जी को ‘चतुर बनिया’ कहा था। सोचिए गांधीजी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सभी धर्मों और जातियों को एक करने का काम किया, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर उनका कितना बड़ा अपमान किया।
वैभव वालिया ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि महात्मा गांधी हमारे पिता हैं, लेकिन बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक न्यूज चैनल की डिबेट में पीएम मोदी को ‘देश का पिता’ कहा था। साथ ही असम से बीजेपी सांसद कामाख्या प्रसाद ने 2017 में खुले मंच से गांधीजी की तुलना ‘कचरा’ से की थी। उन्होंने कहा था कि दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को जाने बगैर लोगों के दिमाग में गांधी और नेहरू जैसा ‘कचरा’ भर दिया गया है।
इतना ही नहीं करीब तीन साल पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने गांधी जी के नेतृत्व वाले स्वतंत्रता आंदोलन को नाटक बताया था। उनका यह बयान न केवल गांधीजी बल्कि पूरे स्वतंत्रता आंदोलन और सभी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए अपमानजनक था।