कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा ने येदियुरप्पा के बेटे को हटाने की मांग की
शिवमोगा: देश भर में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में मान मनौवल का दौर जारी है तो कई नेता अपनी पार्टी के फैसले के खिलाफ बगावती सुर अपना रहे हैं। लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। इस बीच कर्नाटक में भाजपा के अंदर खलबली देखने को मिली है। यहां येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को हटाने की मांग उठने लगी है।
अब जानकारी आ रही है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा का बावजूद कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा शिवमोग्गा लोकसभा सीट से बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। ईश्वरप्पा का कहना है कि उनकी लड़ाई पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत ने नेता बीएस येदियुरप्पा के परिवार के खिलाफ है।
बता दें कि कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता केएस ईश्वरप्पा शिवमोग्गा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि उन्हें बुधवार को दिल्ली में मिलने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फोन आया था। ईश्वरप्पा ने बताया कि वह बुधवार को केंद्रीय मंत्री से मिलेंगे, लेकिन चुनाव लड़ने का अपना निर्णय तब तक नहीं बदलेंगे जब तक कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे और राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को चुनाव से पहले हटाया न जाए।
ईश्वरप्पा ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि कांग्रेस में एक परिवार की संस्कृति है। उसी तरह, राज्य में भाजपा भी एक परिवार के हाथों में है।’ पार्टी को उस परिवार से मुक्त कराया जाना चाहिए।’ पार्टी कार्यकर्ता आहत हैं और मैं कार्यकर्ताओं का दर्द दूर करने के लिए चुनाव लड़ूंगा।’ उन्होंने कहा कि हिंदुत्व विचारधारा और संगठन के लिए लड़ने वालों के काम का सम्मान किया जाना चाहिए।
बीजेपी नेता ने कहा, ‘मैं गंदगी को ठीक करने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। मैं फैसले से पीछे नहीं हटूंगा, मैं आपको अपना सम्मान दूंगा और दिल्ली आऊंगा। ईश्वरप्पा ने कहा कि उनके बेटे ने उनसे कहा है कि भले ही उन्हें राजनीतिक भविष्य नहीं मिले, लेकिन पार्टी में सफाई जरूरी है। येदियुरप्पा के बेटे, बीवाई राघवेंद्र, लोकसभा चुनाव के लिए शिवमोग्गा से मौजूदा सांसद और भाजपा उम्मीदवार हैं। ईश्वरप्पा ने कहा कि उनकी लड़ाई राज्य में एक परिवार द्वारा भाजपा के नियंत्रण के खिलाफ है।