राजस्थान में पहली बार किसी पार्टी ने दलित को बनाया नेता प्रतिपक्ष

राजस्थान में पहली बार किसी पार्टी ने दलित को बनाया नेता प्रतिपक्ष

कांग्रेस ने आखिरकार राजस्‍थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम का आज ऐलान कर दिया है। पार्टी ने पूर्व मंत्री एवं अलवर ग्रामीण के विधायक टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। वहीं, गोविंद सिंह डोटासरा कांग्रेस प्रदेश पद पर बने रहेंगे। जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाना पार्टी का चौंकाने वाला फैसला बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि राजस्थान विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी पार्टी ने दलित को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।

टीकाराम जूली गहलोत सरकार में वे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री भी रह चुके हैं। राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहली बार किसी दलित चेहरे को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। अब तक कांग्रेस या भाजपा किसी ने भी दलित चेहरे को यह जिम्मेदारी नहीं दी थी। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने दलित नेता को आगे किया है। बता दें कि नेता प्रतिपक्ष बनने की दौड़ में हरीश चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, अशोक चांदना के नाम भी चल रहे थे।

कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जूली को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खड़गे ने तत्काल प्रभाव से जूली को इस पद पर नियुक्त किया है। इसके अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष ने गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

कांग्रेस द्वारा नया नेतृत्व तैयार करने की कोशिश

जिस प्रकार बीजेपी ने वसुंधरा राजे सिधिंया जैसे पुराने दिग्गजों की बजाय नए नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया ठीक उसी प्रकार कांग्रेस ने भी टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाकर युवा पीढ़ी को बड़ा संदेश दिया है। जूली दलित समुदाय से आते हैं। इसलिए कांग्रेस को इसका लाभ लोकसभा चुनाव में भी मिल सकता है।

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