जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) पुलिस ने राजस्थान राज्य के पाठ्यपुस्तक मंडल (Rajasthan state textbook board) के खिलाफ बुधवार की देर शाम एक एफआईआर (FIR) दर्ज की है, बता दें कि राज्य सरकार की पाठ्यपुस्तक मंडल ने बारहवीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की किताब में इस्लाम धर्म को आतंकवाद बताया गया है।
बारहवीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में इस्लाम को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी हुईं हैं। जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है। जिसके बाद राजस्थान मुस्लिम फोरम की शिकायत पर लाल कोठी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया‘ के मुताबिक एक निजी प्रकाशन (संजीव प्रकाशन) के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई क्योंकि इस प्रकाशन ने इस्लाम पर “आपत्तिजनक सामग्री” को छापने के साथ साथ छात्रों के लिए गाइडबुक भी प्रिंट की है।
राजनीति विज्ञान की किताब में ‘आतंकवाद, राजनीति और भ्रष्टाचार का अपराधीकरण’ नामक एक अध्याय है। जिस अध्याय में गुमनाम विशेषज्ञों के हवाले से यह बताया गया है कि ‘किसी विशेष धर्म के लिए प्रतिबद्धता इस्लामी आतंकवाद की मुख्य प्रवृत्ति है।” राजस्थान मुस्लिम फोरम ने पहले पुलिस पर राज्य पाठ्यपुस्तक और गाइडबुक दोनों के लेखकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया था।
गुमनाम विशेषज्ञों का हवाला देते हुए, अध्याय में कहा गया है कि “इस्लामी आतंकवाद में आतंकवादी किसी भी गुट या समूह के बजाय इस्लाम के प्रति अत्यधिक समर्पण है।” उनका कहना है कि ये भी मन जाता है कि इस्लाम हिंसक या अमानवीय नहीं है।
बता दें कि भारत में इस्लाम का नाता पुराना है लेकिन इस तरह की बातें पिछले कुछ सालों से होने लगी है जबकि भारत में एक दूसरे के धर्म का अपमान नहीं कर सकते हैं पिछले कुछ महीनों या सालों से इस इस तरह की बातों का मीडिया या सोशल मीडिया पर आना इस से पता चलता है कि भारत में जहाँ पर हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब एक साथ मिल जुल कर रहते थे वहां पर अब एक दूसरे के ख़िलाफ़ नफरत का बीज बोया जा रहा है