हनुमान चालीसा पर संग्राम जारी,उद्धव सरकार को फडणवीस ने दी चुनौती
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारा मानना है कि हिटलरशाही से संघर्ष होता है, संवाद नहीं। अगर इस प्रकार की प्रवृत्ति यहां पर चलेगी तो हम भी उसका मुकाबला करेंगे। हम गृह मंत्री की बैठक में जाकर क्या करते क्योंकि उस बैठक में मुख्यमंत्री तो उपस्थित ही नहीं थे।
महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा विवाद को लेकर सियासत तेज होती जा रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच जुबानी जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसी क्रम में आज फडणवीस ने एक प्रेस वार्ता कर उद्धव सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा महाराष्ट्र में नहीं बोली जाएगी तो क्या पाकिस्तान में बोली जाएगी इनको हनुमान चालीसा से इतनी नफरत क्यों है? हम सारे हनुमान चालीसा बोलेंगे अगर सरकार में हिम्मत है तो हमारे ऊपर राजद्रोह का गुनाह लगाकर दिखाएं।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारा मानना है कि हिटलरशाही से संघर्ष होता है, संवाद नहीं। अगर इस प्रकार की प्रवृत्ति यहां पर चलेगी तो हम भी उसका मुकाबला करेंगे। हम गृह मंत्री की बैठक में जाकर क्या करेंगे क्योंकि उस बैठक में मुख्यमंत्री तो उपस्थित ही नहीं हैं।
फडणवीस ने कहा कि आज महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने जो बैठक बुलाई थी हमने उसका बहिष्कार करने का फैसला किया क्योंकि पिछले 3-4 दिनों में जिस प्रकार से पुलिस का उपयोग करते हुए विरोधी पार्टी के लोगों को जान से मारने का प्रयास किया गया उसके बाद संवाद के लिए जगह कहां बचती है?
फडणवीस ने राणा दंपती की गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए महाराष्ट्र सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया। फडणवीस ने कहा कि किसी भी जगह पर हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ना राजद्रोह है क्या? उन्होंने मुंबई पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाया और कहा कि नवनीत राणा को पीने के लिए पानी नहीं दिया जा रहा है और उन्हें टॉयलेट जाने की भी इजाजत नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अराजकता की स्थिति बनी हुई है।