हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

हरियाणा के चंडीगढ़ में हाल के दिनों में किसानों पर लाठीचार्ज का मुद्दा गरमा गया है, क्योंकि किसानों ने लगातार दूसरे दिन न केवल हरियाणा और पंजाब के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया, बल्कि सरकार को चेतावनी भी जारी की कि, अगर उनके नेताओं को तत्काल रिहा नहीं किया गया तो 12 जून को दोनों राज्यों में भारी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

इस संबंध में किसानों ने मांग की है कि गुरनाम सिंह चढूनी समेत गिरफ्तार सभी किसान नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए और उन पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। ऐसा नहीं किया गया तो दोनों राज्यों के तमाम किसान सड़कों पर उतर जाएंगे।

सूरजमुखी की फसल पर उचित एमएसपी की मांग कर रहे किसानों पर हुए लाठीचार्ज ने सभी को नाराज कर दिया है। कल जहां किसानों ने विभिन्न टोल बूथों पर विरोध प्रदर्शन कर उन्हें टोल फ्री कर दिया, वहीं गुरुवार को कई शहरों में किसानों ने खुलकर विरोध जताया।

इस दौरान उन्होंने सड़कों को जाम करने के अलावा जिला कलेक्ट्रेट व अन्य सरकारी कार्यालयों के सामने जमकर धरना दिया। किसानों की मांग थी कि सूरजमुखी की फसल पर एमएसपी बढ़ाई जाए। साथ ही कल गिरफ्तार किए गए सभी किसान नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए।

इस सिलसिले में पुलिस और किसानों के बीच कुछ कहासुनी भी हुई, लेकिन कुल मिलाकर प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा क्योंकि पिछले दिनों की कार्रवाई के बाद पुलिस की कड़ी आलोचना के चलते इस बार पुलिस ने सख्ती नहीं दिखाई। इस मौके पर किसानों ने भी काफी धैर्य दिखाया।

किसान सूरजमुखी की फसल और खासकर इसके बीजों के लिए ज्यादा एमएसपी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने सूरजमुखी के बीज 6400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदे। इससे कम कीमत होने पर किसानों को भारी नुकसान हो सकता है जबकि सरकार 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल की कीमत लगा रही है, जो किसानों के हिसाब से लागत से काफी कम है।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बेटे और किसान नेता अर्शपाल सिंह, जिन्हें मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था, ने मांग की कि उनके पिता को तुरंत रिहा किया जाए। साथ ही सरकार 12 जून से तय एमएसपी के हिसाब से सूरजमुखी के बीजों की खरीद शुरू करे, नहीं तो पुरजोर विरोध होगा।

उन्होंने चेतावनी दी कि हरियाणा और पंजाब दोनों सरकारों के पास 12 जून तक का समय है। उसके बाद किसान अपना आंदोलन और तेज करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार इस मामले में टालमटोल करने की कोशिश कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जाने-माने किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर चेतावनी जारी की है कि अगर हरियाणा के किसानों को पर्याप्त एमएसपी नहीं दी गई तो सभी किसान संगठन मैदान में उतरने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों ने बहुत ही जायज मांग की है।

अगर उन्हें लाठी खानी पड़े तो यह देश के लिए शर्मनाक है। किसान देश के लिए अनाज पैदा करता है, लेकिन भाजपा सरकारें किसानों को देश का दुश्मन मान रही हैं। इसलिए जरूरी है कि भाजपा और उसकी सरकारों को सबक सिखाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही किसानों के लिए एमएसपी तय नहीं किया गया तो वे बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

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