किसान आंदोलन, सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान ने की आत्महत्या

किसान आंदोलन, सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान ने की आत्महत्या पिछले 1 साल से केंद्र सरकार के काले कृषि कानूनों के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन जारी है।

किसान आंदोलन के अंतर्गत देशभर के किसान दिल्ली से लगे हुए कई बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। सिंघु बॉर्डर से एक और किसान की मौत की खबर आ रही है।

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को एक किसान का शव फंदे से लटकता हुआ मिला है। प्राथमिक जानकारी के बाद बात सामने आई है मृतक किसान ने आत्महत्या की है। मृतक का नाम गुरप्रीत सिंह है जो पंजाब के फतेहगढ़ के रहने वाले हैं।

मृतक किसान का संबंध प्रधान जगजीत सिंह की यूनियन से था। मृतक किसान फतेहगढ़ के रुड़की गांव का रहने वाला था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अभी तक पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि मृतक ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या की गई है। पुलिस दोनों संभावनाओं के तहत जांच कर रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार हुड्डा सेक्टर 63 /64 अंसल सुशांत सिटी नांगल रोड के नजदीक पारकर मॉल के निकट 45 साल के किसान गुरप्रीत सिंह ने नीम के पेड़ पर रस्सी बांधकर फांसी लगा ली। वह अपने गांव की ट्राली में अकेला था।

संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन का 1 साल पूरा होने के अवसर पर 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर बड़ी-बड़ी जनसभाएं करने की घोषणा की है। किसान संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने पर हर दिन 500 ट्रैक्टरों के साथ किसान संसद तक मार्च शुरू करेंगे।

मंगलवार को किसान आंदोलन की आगे की रणनीति को लेकर सिंघु बॉर्डर पर बैठक आयोजित की गई। हरियाणा के किसान संगठनों की ओर से गुरनाम सिंह चढूनी ने 26 नवंबर को दिल्ली कूच का प्रस्ताव दिया था लेकिन इस पर भी सहमति नहीं बनी है। किसान नेताओं ने 2 घंटे चली इस बैठक में आंदोलन को आक्रमक करने पर बल दिया है।

कहा जा रहा है कि 26 नवंबर को किसान आंदोलन का 1 वर्ष पूरा होने पर किसान नेता किसान शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। पंजाब ,उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड, हरियाणा एवं राजस्थान से दिल्ली के सभी मोर्चों पर बड़ी-बड़ी जनसभाएं की जाएंगी।

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