हरियाणा चुनाव में किसानों ने बीजेपी को हराने की अपील की
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए जैसे-जैसे मतदान का दिन नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे बीजेपी की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। राज्य में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी रुझान का सामना कर रही बीजेपी सरकार के लिए अब किसानों ने भी रुकावटें खड़ी कर दी हैं। सोमवार को किसानों ने एक और महापंचायत का आयोजन किया, जिसमें सर्वसम्मति से मतदाताओं से किसान विरोधी सरकार के खिलाफ वोट देने की अपील की गई।
किसान नेताओं ने जनता से बीजेपी को हराने की अपील करते हुए कहा कि जुल्म करने वालों को सबक सिखाने का समय आ गया है। इस मौके पर किसान नेताओं ने जनता को वो सारी बातें याद दिलाईं जो बीजेपी की सरकारों ने हालिया कुछ वर्षों में खासकर किसानों के विरोध के दौरान उनके साथ की हैं। इस महापंचायत का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले हुआ। गौरतलब है कि हरियाणा में इस तरह की महापंचायतें लगातार हो रही हैं और हर पंचायत के बाद बीजेपी की धड़कनें बढ़ती हुई महसूस हो रही हैं।
महापंचायत के बाद किसानों की दोनों संगठनों ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें किसान नेताओं ने हरियाणा के मतदाताओं से वोट देने से पहले यह सोचने की अपील की कि मौजूदा सरकार ने 10 वर्षों में किसानों के लिए क्या किया है? उन्होंने कहा कि अब भावनाओं में बहकर नहीं, सोच-समझकर फैसला करने की जरूरत है। बयान में यह भी कहा गया कि हरियाणा में बीजेपी की हार शुभकरण सिंह के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिनकी 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में एक झड़प में मृत्यु हो गई थी। इस मौके पर दोनों संगठनों के प्रमुख किसान नेता जैसे जगजीत सिंह ढिल्लोंवाल, मनजीत सिंह राय, जसविंदर सिंह लोंगवाल और अमरजीत सिंह मोहरी आदि मौजूद थे।
हरियाणा में बीजेपी सरकार के खिलाफ पाई जा रही सरकार विरोधी भावना (एंटी-इनकम्बेंसी) के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के हौसले बुलंद हैं। इस बीच, कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि उसके कार्यकर्ता पूरी तरह से एकजुट हैं और बीजेपी को हराने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस के मीडिया कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के चेयरमैन पवन खेड़ा ने सोमवार को इस बात का कड़ा खंडन किया कि कांग्रेस आंतरिक कलह का शिकार है। चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि कुछ लोग नाराज़ हो सकते हैं, किसी भी परिवार में इस तरह की गलतफहमियों का पैदा होना एक सामान्य बात है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी में बिखराव है। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है। जब उनसे कुमारी शैलजा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुमारी शैलजा ने खुद इस मामले को खारिज कर दिया है, जबकि बीजेपी अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उठा रही है।
पवन खेड़ा ने कहा कि सब जानते हैं कि किस तरह बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं का अपमान कर रही है। जब उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी शैलजा मामले को दलितों के अपमान के रूप में पेश कर रही है, तो उन्होंने कहा कि अगर दलितों को सबसे ज्यादा अत्याचारों का सामना करना पड़ा है, तो वह बीजेपी के शासन में हुआ है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने आज तक सिर्फ एक दलित को राष्ट्रपति बनाया है और उसे भी अपमानजनक तरीके से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जबकि कांग्रेस ने चार दलित नेताओं को पार्टी का अध्यक्ष बनाया है।