कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसान को कोरोना का ख़तरा

पिछले 16 दिनों से सिंघू बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं और लगातार आस पास से किसानों का आना भी जारी है. किसानों की संख्या बढ़ने के साथ हरियाणा और दिल्ली प्रशासन कोरोना (Corona) को लेकर चिंता जताई हैं क्योंकि सिंघू बॉर्डर पर तैनात दो IPS अधिकारी कोविड पॉज़िटिव पाए गए हैं और धरने पर बैठा एक भी किसान अपना कोविड टेस्ट कराने को तैयार नहीं है.
सिंघू बॉर्डर पर हज़ारों की तादाद में किसान धरने पर डटे हुए हैं. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग भी एकदम नहीं हो पा रही है. मृदुल सरकार नाम के डॉक्टर ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों के लिए मुफ़्त मैडिकल कैंप लगाया हुआ है. उनका कहना है कि वो रोज़ 200 से ज़्यादा मरीज़ देख रहे हैं जिसमें काफ़ी मरीज़ ज़ुकाम, खांसी और सांस लेने में तक़लीफ़ की शिक़ायत कर रहे हैं जोकि कोरोना के लक्ष्ण हैं.

उन्होंने बताया कि उनके पास कुछ किसान जुकाम की शिकायत लेकर आ रहे हैं तो कुछ को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, वहीं कुछ की अस्थमा की हिस्ट्री भी है.

सिंघू बॉर्डर पर हरियाणा प्रशासन की एंबुलेंस तो ज़रूर खड़ी दिखाई दे रही है लेकिन न प्रशासन के लोग मास्क बांट रहे हैं और न ही किसानों को सोशल डिस्टेंसिंग करने के लिए कह रहे हैं.
सोनीपत की मेडिकल ऑफिसर डॉ अनविता कौशिक ने बताया, ‘किसान भाई बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहे हैं. वो कोविड टेस्ट कराने को बिल्कुल राजी नहीं हैं. हमें चिंता है कि यहां लेबर भी हैं, जिससे कि कोविड फ़ैल सकता है.’

इसी बीच दिल्ली पुलिस ने भी सिंघू बॉर्डर पर बैठे किसानों के ख़िलाफ़ महामारी अधिनियम के तहत ज़बरदस्ती धरने पर बैठने के लिए FIR दर्ज़ की है जिसको लेकर किसान ग़ुस्से में हैं. किसान नेता परमजीत सिंह ने कहा, ‘क्या बिहार में हुई बीजेपी की रैलियों के लिए मोदी जी पर FIR हुई? क्या हैदराबाद की रैली के लिए अमित शाह पर FIR हुई?’ वहीं प्रदर्शन में शामिल हरिंदर सिंह नाम के किसान का कहना है कि ‘यह कोरोनावायरस तो कुछ दिन में चला जाएगा पर ये क़ानून आ गया तो सब ख़त्म हो जाएगा.’

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