गौ तस्करी के शक में फरीदाबाद के छात्र की गौ रक्षकों ने हत्या की
हरियाणा: आर्यन मिश्रा, जो 12वीं कक्षा का छात्र था, 23 अगस्त को नाश्ता करने के बाद अपने चार अन्य दोस्तों के साथ कार से हरियाणा के फरीदाबाद में अपने घर लौट रहा था, जब गौ रक्षकों के एक समूह ने दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे पर गढ़पुरी के पास एक सुनसान जगह पर उसकी डस्टर एसयूवी को रुकने का इशारा किया।
गौ रक्षकों को एसयूवी में गाय तस्करों के बारे में “सूचना” मिली थी, जिसके बाद वे इलाके में गश्त कर रहे थे। उन्होंने डस्टर एसयूवी का पीछा किया, और जब ड्राइवर ने रुकने से इनकार कर दिया, तो लगभग 50 किलोमीटर की तेज रफ्तार से पीछा करते हुए उन्होंने गोली चला दी, जो आर्यन मिश्रा को लग गई और उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने हत्या के आरोप में अरुण कौशिक, वरुण कुमार, कृष्ण सिंह और उदेश सिंह को गिरफ्तार किया है, जो कथित रूप से “गौ रक्षक समूह” से जुड़े हैं। सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) अमन यादव ने कहा कि “गौ रक्षकों को डस्टर एसयूवी पर शक था। उन्होंने वाहन के ड्राइवर हर्षित सिंह को रुकने का इशारा किया, और जब वाहन नहीं रुकी, तो उन्होंने उसका पीछा किया।”
अमन यादव ने कहा कि हर्षित सिंह, जो झगड़े की एक घटना में शामिल था, और उसके साथ मौजूद सांकी नाम के एक अन्य व्यक्ति ने स्थिति को गलत समझा। 14 अगस्त को सांकी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। हर्षित को शक था कि झगड़े के कारण उनका पीछा किया जा रहा है। सांकी को लगा कि पुलिस उन्हें सादे कपड़ों में गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है। इसी वजह से उसने हर्षित सिंह को कार की रफ्तार बढ़ाने के लिए उकसाया और गौ रक्षकों के इशारे पर भी वाहन नहीं रोका, जिससे उनका शक और बढ़ गया।
उन्होंने गढ़पुरी के टोल प्लाजा के पास एसयूवी पर गोली चला दी। गोली पीछे की खिड़की के कांच को तोड़कर मिश्रा के गले में जा लगी। जब हर्षित ने वाहन रोका, तो रक्षकों ने फिर से गोली चला दी, जो मिश्रा के सीने में जा लगी। पुलिस ने कहा कि “रक्षकों को लगा कि वाहन में सवार लोग गाय तस्कर हैं और वाहन के रुकने पर वे जवाबी फायरिंग कर सकते हैं। आरोपी ने वाहन रुकते ही अपनी सुरक्षा के लिए दूसरी बार मिश्रा को गोली मारी थी।
डस्टर में सवार बाकी लोगों, जिनमें दो महिलाएं भी थीं, ने हाथ उठा दिए, जिसके बाद रक्षकों को एहसास हुआ कि उन्होंने गलत व्यक्ति को गोली मारी है और वे मौके से फरार हो गए।” आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा कि गढ़पुरी टोल प्लाजा पर प्राप्त सीसीटीवी फुटेज के जरिए संदिग्धों की पहचान की गई है, जिसमें उन्हें आर्यन मिश्रा की कार का पीछा करते हुए देखा जा सकता है।
प्रारंभिक जांच में आरोपी ने पुलिस को बताया कि मुखबिर के जरिए उन्हें यह सूचना मिली थी कि डस्टर और फॉर्च्यूनर कारों में कुछ तस्कर इलाके में मौजूद हैं और कथित तौर पर कंटेनरों में जानवरों को ले जाया जा रहा है। उन्होंने गाड़ियों की तलाश शुरू की और पेटल चौक पर डस्टर को देखा और उसे रोकने की कोशिश की।
ध्यान देने योग्य है कि आर्यन मिश्रा की हत्या से पहले हरियाणा के चरखी दादरी के बुढ़रा में दो नाबालिगों सहित सात लोगों और पश्चिम बंगाल के एक प्रवासी मजदूर को इस शक में पीट-पीटकर मार डाला गया था कि उन्होंने गाय का मांस खाया था।