देश उत्तराखंड के दर्द से कराह रहा था और पश्चिम बंगाल में चुनावी दंगल अपने चार्म पर था कारण था प्रधानमंत्री का बंगाल दौरा जहाँ नरेंद्र मोदी हल्दिया में एक रैली को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार पर जमकर निशाना साध रहे थे।
लेकिन अब यह दौरा किसी और वजह से चर्चा में है कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने के बार फिर गलत बयानी का सहारा लिया और झूठे दावे किए। एक दिन पहले पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ममता सरकार पर केंद्र की योजनाओं का लाभ राज्य की जनता को नहीं देने का आरोप लगाने के दूसरे दिन सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र पर पलटवार किया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा को बताया कि राज्य सरकार ने 2.5 लाख किसानों के नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए भेजे थे, लेकिन उन्हें अब तक कोई लाभा नहीं मिला है।
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा को बताया कि राज्य सरकार को केंद्र की ओर से सत्यापन के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना के 6 लाख आवेदकों की सूची मिली थी, जिनमें से 2.5 लाख किसानों के नाम केंद्र को कल्याण कार्यक्रम के तहत मदद के लिए भेजे गए थे। लेकिन अब तक उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला है। ममता ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि इन्हें अब तक कोई नकद लाभ क्यों नहीं दिया गया।
याद रहे कि कल ही पीएम मोदी ने राज्य के हल्दिया में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया था कि पश्चिम बंगाल की सरकार केंद्र की योजनाओं में रोड़ा अटका रही है और राज्य के लोगों को केंद्र की आयुष्मान भारत और पीएम किसान सम्मान निधि जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं दे रही है। पीएम ने कहा कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक में इन योजनाओं का लाभ देने का फैसला होगा।
मोदी के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में आज पलटवार किया। सदन में लेखानुदान पर चर्चा के दौरान ममता बनर्जी ने राज्य के किसानों को राज्य की कृषक बंधु योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि को 5000 रुपये सालाना से बढ़ाकर 6000 रुपये करने का ऐलान किया। याद रहे कि केंद्र सरकार भी पीएम सम्मान निधि योजना के तहत इतनी ही राशि देश भर के पात्र किसानों को तीन किस्तों में देती है।