ज्ञानवापी के बाद मथुरा की शाही ईदगाह को सील करने की मांग
अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस और वहां राम मंदिर क्र निर्माण कार्य शुरू होने के बाद अब हिन्दुत्ववादी दलों ने काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह को लेकर देश भर में धार्मिक उन्माद फैलाना शुरू कर दिया है।
ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा शाही ईदगाह का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है। बता दें कि शाही ईदगाह मस्जिद के निकट ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर है। कोर्ट में याचिका दायर करते हुए सुरक्षा बढ़ाए जाने के साथ ही शाही ईदगाह में आने जाने पर रोक और सुरक्षा अधिकारी को नियुक्त करने की मांग की गयी है।
कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वादी महेंद्र प्रताप सिंह और श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष ने अदालत में अर्जी लगाते हुए कहा है कि जिस तरह से ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सामने आया है, उसे देखते हुए कृष्ण जन्म भूमि की जमीन पर बनी ईदगाह के गर्भस्थल को सील किया जाए। साथ ही डीएम व एसएसपी को आदेश दिया जाए कि वहां पर पुलिसबल तैनात करके साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ की संभावना को रोकें।
हिंदुत्ववादी दलों की ओर से दी गयी याचिका को अदालत ने स्वीकार करते हुए जुलाई में सुनवाई पर मोहर भी लगा दी है। नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव, अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्याय के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने वाराणसी की ज्ञानव्यापी मस्जिद की तर्ज पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि व ईदगाह प्रकरण में शाही ईदगाह पर सर्वे की मांग की है।
अदालत में तीनों ने ही इस संबंध में प्रार्थनापत्र दिया, जिसमें कहा गया कि शाही ईदगाह परिसर का भी अधिवक्ता कमीशन द्वारा सर्वे किया जाना चाहिए। अदालत ने उनके प्रार्थनापत्र को स्वीकार कर एक जुलाई को सुनवाई का निर्णय लिया है।
कहा जा रहा है कि तीनों ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि वह ईदगाह परिसर से उन सबूतों को नष्ट कर सकते हैं, जिनसे स्पष्ट होता है कि भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार की गई है। इस संबंध में अधिवक्ता कमीशन गठित किया जाना चाहिए।