दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि निकिता जैकब, उनके सहयोगी शंतानु और दिशा रवि ने किसानों के आंदोलन पर टूलकिट बनाया था जिसको जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर साझा किया था।
नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संयुक्त सीपी (साइबर सेल), प्रेम नाथ ने आरोप लगाया है कि इन लोगों का मक़सद देश की छवि को धूमिल करना था। पुलिस का दावा है कि शनिवार दिशा रवि को शनिवार को बंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था, जिसने टेलीग्राम ऐप के जरिए किशोर जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को “टूलकिट” भेजा था।
संयुक्त सीपी नाथ ने दावा किया है कि दिशा ने “टूलकिट” फैलाने के लिए बनाए गए एक व्हाट्सएप ग्रुप को डिलीट किया है। “दिशा, शांतनु मुलुक और निकिता ने टूलकिट बनाया और उसे दिशा ने टेलीग्राम ऐप के जरिए ग्रेटा थुनबर्ग को भेजा।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने 11 फरवरी को निकिता के घर पर छापा मारा था और वह अगले दिन घर से फरार कर गई थी। उन्होंने कहा, पुनीत नाम की एक महिला जो कनाडा में रहती है, उसने इन लोगों को प्रो-खालिस्तानी पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जोड़ रखा था।
पुलिस का ये भी कहना है कि 11 जनवरी को निकिता और शांतनु ने पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक जूम बैठक में भाग लिया था जिसमें खालिस्तानी ग्रुप कनाडियन महिला पुनीत के जरिये दिशा, निकिता, शांतनु और दूसरे लोगों को जोड़ा गया. टूलकिट में जैसा एक्शन प्लान था वैसा ही किया गया.
बता दें कि बेंगलुरु से दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद, दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में दिशा के दो साथी निकिता और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
ग़ौर तलब है कि दिशा की गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार आ रही प्रतिक्रियाए आ रही है देश विदेश के लोगों ने भी उनकी गिरफ्तारी की निंदा की