दिल्ली हाईकोर्ट ने आरिज खान की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला
बाटला हाउस मुठभेड़ कांड में साकेत कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए आतंकी आरिज खान की मौत की सजा को लेकर आज दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। दिल्ली हाई कोर्ट ने आरिज खान को दी गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। बता दें कि 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में सीरियल बम धमाके हुए थे। ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए थे, जबकि 133 घायल हो गए थे।
दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया था कि बम ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को 19 सितंबर को सूचना मिली कि इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी जामिया नगर के बाटला हाउस में मौजूद हैं। दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में टीम जब आतंकवादियों के ठिकाने पर पहुंची तो पुलिस टीम के ऊपर फायरिंग की गई।
आतंकियों की ओर से चली गोली इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को गोली लगी और वे शहीद हो गए थे। मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए। अन्य आतंकवादी आरिज खान उर्फ जुनैद और शहजाद अहमद उर्फ पप्पू फरार हो गए थे, जिन्हें पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया था।
आरिज खान के वकील ने अदालत में तर्क दिया था कि, ऐसा कुछ भी नहीं है, जो ये कहे कि उनके वकील (आरिज खान) को सुधारा नहीं जा सकता। ये भी तर्क दिया कि, अगर सुधार की कोई संभावना नहीं है तो आजीवन कारावास की सजा का नियम है।
इस पर विशेष लोक अभियोजक राजेश महाजन ने कहा था कि, ‘एक वर्दीधारी पुलिस अधिकारी की हत्या दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है। ऐसे केस मौत की सजा को उचित ठहराते है।