मतदान प्रतिशत के प्रकाशन में विलंब और फिर वृद्धि चिंताजनक: अभिषेक मनु सिंघवी
नई दिल्ली: मतदान के आंकड़ों पर विपक्षी दलों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के बीच शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। यह बैठक चुनाव आयोग द्वारा पहले दो चरणों में जारी किए गए मतदान के आंकड़ों के साथ-साथ चल रहे लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के मुद्दे पर हुई।
इस मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि हमने इस मुलाकात में अपनी चिंताएं और आपत्ति दर्ज करवाई है। हमारे साथ इंडिया गठबंधन के साथी मौजूद हैं। हमने मुख्य रूप से दो मुद्दे उठाए हैं। पहला ये कि मतदान के प्रतिशत के प्रकाशन में 11 दिन का विलंब नहीं होना चाहिए और यह नहीं हो सकता है। दूसरी लेकिन उससे ज्यादा चिंताजनक बात मतदान के प्रतिशत में वृद्धि होना है।
मतदान के प्रतिशत में जो वृद्धि हुई है वह पहले दिन प्रकाशित आंकड़े और बाद में प्रकाशित आंकड़े में लगभग साढ़े पांच प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अगर इसे तुलनात्मक रूप से 2019 के चुनावों से देखें तो इन्ही चरणों में ये आंकड़े जो बदले थे वह लगभग एक से ढ़ाई प्रतिशत थे। तुलनात्मक रूप से 2019 के चुनाव में आकंड़े में इतनी वृद्धि नहीं पाई गई थी। ऐसे में हमारा कहना है कि अगर आंकड़ों का प्रकाशन जल्द हो जाए तो इस तरह के सवाल नहीं उठेंगे। हमारी मांग है कि चुनाव आयोग इन आंकड़ों का जल्द से जल्द प्रकाशन करे।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारी दूसरी बात और भी चिंताजनक है। अगर Cपार्टी को ही ले तो हमने हमने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ 11 शिकायतें की थी, लेकिन उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
यह शिकायतें अप्रैल से की गई हैं और मई आ चुका है अब चुनाव खत्म होने वाले हैं तीन हफ्ते बाद लेकिन आयोग ने कोई एक्शन नहीं लिया। इसलिए हमें इसपर जल्द जवाब चाहिए।
बता दें कि, मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा जारी मतदान के आंकड़ों में कथित ‘विसंगतियों’ के मुद्दे पर विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखा था। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से संपर्क करने का फैसला किया। हालांकि, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के साथी नेताओं को लिखे खड़गे के पत्र का जवाब दिया, जिसे एक्स पर भी पोस्ट किया गया था और उनके आरोपों को खारिज कर दिया कि उसने लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों के लिए अंतिम मतदाता संख्या जारी करने में देरी की है।